जानिए कौन थी महाराणा प्रताप की प्रेयसी, जिनसे महाराणा ने निभाया हर वादा
महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य की कहानी पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन आज हम आपको महाराणा प्रताप की जिंदगी के एक और पहलू से रूबरू कराएंगे. निजी जिंदगी में महाराणा प्रताप एक सफल प्रेमी थे. जिन्होंने अपनी प्रेमिका के साथ प्रेम से लेकर शादी तक का सफर बखूबी पूरा किया.
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप भारत की शान हैं. महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य की कहानी पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन आज हम आपको महाराणा प्रताप की जिंदगी के एक और पहलू से रूबरू कराएंगे. निजी जिंदगी में महाराणा प्रताप एक सफल प्रेमी थे. जिन्होंने अपनी प्रेमिका के साथ प्रेम से लेकर शादी तक का सफर बखूबी पूरा किया.
राजकुमारी अजबदे और महाराणा प्रताप की कहानी
महाराणा प्रताप की पहली रानी अजबदे थीं . इतिहासकार बताते हैं कि दोनों पति-पत्नी से पहले अच्छे दोस्त थे. दोनों की दोस्ती ऐसी थी कि महाराणा प्रताप कोई भी फैसला लेने से पहले इनसे पूछा करते थे. मिली जानकारी के अनुसार महाराणा प्रताप और रानी अजबदे दोनों साथ में पले- बढे और 17 साल की उम्र में महाराणा प्रताप की शादी बिजोलिया की राजकुमारी अजबदे के साथ की गई.
इतिहासकार बताते हैं कि मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा तो हर किसी ने सुनी है कि उनके आगे कैसे मुगल घुटने टेकने को मजबूर हुए. लेकिन महाराणा प्रताप के सभी खास फैसलों में उनकी रानी अजबदे उनकी मदद हमेशा रही थी. जानकार कहते हैं कि महाराणा प्रताप को रानी अजबदे में उनकी मां की झलक दिखती थी.
रानी अजबदे को राजनीतिक मामलों का अच्छा ज्ञान था. इसलिए महाराणा प्रताप अपने हर फैसले में रानी अजबदे से विचार विमर्श जरूर करते थे. महाराणा प्रताप के साथ वो हर परिस्थिति में ढाल बन कर खड़ी रहीं.
महाराणा के साथ वन में भी रहीं.
मुगलों से लोहा लेने के लिए महाराणा प्रताप ने अपने राजपद को त्याग दिया था. इस दौरान रानी अजबदे उनके साथ वन में रहीं. उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी रहीं. इसके लिए रानी अजबदे ने महलों का सुख भी त्याग दिया और मुगलों की गुलामी स्वीकार करना नहीं चुना. महाराणा प्रताप के बाद उनके और रानी अजबदे के पुत्र महाराणा अमर सिंह ने मेवाड़ की गद्दी संभाली.