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'खलनायक' बनने के चक्कर में बना डाली जानलेवा रील, छा गया मातम, जानें कितना घातक है रील्स का नशा

राजस्थान के कोटा से महावीर इलाके से रील बनाते युवक की मौत ने सनसनी बढ़ा दी है। रील्स के जरिए फेमस होने के शौक ने, युवक की जान ले ली है। परिवार में शोक का माहौल है। रील्स बनाते समय जो साथ थे, वो साथी गिरफ्तार हैं। मामला भले ही नाबालिक का लगे, लेकिन इसको लेकर जागरुकता की जरुरत है। क्या है पूरा मामला और रील का नशा कितना घातक होता है? रोजाना रील में हम कितना समय बीता रहे है? आज की इस खास स्टोरी में हम ये ही बात करने वाले हैं....

'खलनायक' बनने के चक्कर में बना डाली जानलेवा रील, छा गया मातम, जानें कितना घातक है रील्स का नशा
'खलनायक' बनने के चक्कर में बना डाली जानलेवा रील, छा गया मातम, जानें कितना घातक है रील्स का नशा

राजस्थान के कोटा से महावीर इलाके से रील बनाते युवक की मौत ने सनसनी बढ़ा दी है। रील्स के जरिए फेमस होने के शौक ने, युवक की जान ले ली है। परिवार में शोक का माहौल है। रील्स बनाते समय जो साथ थे, वो साथी गिरफ्तार हैं। मामला भले ही नाबालिक का लगे, लेकिन इसको लेकर जागरुकता की जरुरत है। क्या है पूरा मामला और रील का नशा कितना घातक होता है? रोजाना रील में हम कितना समय बीता रहे है? आज की इस खास स्टोरी में हम ये ही बात करने वाले हैं....
क्या है मामला?
कोटा के महावीर इलाके में रील बनाते समय गोली लगने से युवक के मौत मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। जिसमें एक नाबालिग समेत उसके दो सहयोगियों को पुलिस ने पकड़ा है। इसके अलावा वारदात में इस्तेमाल अवैध देसी कट्टा और खाली कारतूस को बरामद किया है। फिलहाल पुलिस हथियार के खरीद-फरोख्त के बारे में पूछताछ कर रही है। 
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2 दिन पहले महावीर नगर इलाके में कुछ युवक सोशल मीडिया के लिए रील्स बना रहे थे। परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप लगाया था। वारदात में शामिल नाबालिग ने सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो डाल रखी थी। माना जा रहा है कि यशवंत नागर और उसके साथी सोशल मीडिया पर फेमस होना चाहते थे, जिसके लिए वो हथियारों के साथ रील्स बना रहे थे। रील बनाते समय कट्टे से गोली चलने में एक युवक की मौत गई। पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया था। पिता ने बताया कि उसका बेटा अच्छे स्वभाव का था, उसका किसी से झगड़ा नहीं था। वह कोटा अपने दोस्त के पास आया था। पुलिस ने कार्रवाई करते एक नाबालिग को हिरासत में लिया और उसके दो साथी दीपक प्रजापति और अजय साल्वी को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में इस्तेमाल देसी कट्टा और खाली कारतूस को भी बरामद कर लिया है। 
रील का नशा कितना घातक होता है?

रील्स की लत की वजह से लोगों में सबसे बड़ी समस्या डिप्रेशन देखने को मिल रही है। वीडियो देखने वाला शख्स खुद को वीडियो में मौजूद शख्स से कम्पेयर करने लगता है। वो भी उसकी तरह दिखना चाहता है, उसकी तरह जिंदगी जीना चाहता है और जब ऐसा नहीं होता, तो गुस्सा, चिड़चिड़ापन होना लाजमी है। धीरे-धीरे ये तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है। 
जो लोग बड़े पैमाने पर इंटरनेट का उपयोग करते हैं, उनके ऑर्बिटोफ्रॉन्स्टल कॉर्टेक्स में ग्रे मैटर में कमी दिखाने की संभावना अधिक होती है, जो समस्या-समाधान और निर्णय लेने से संबंधित है। किसी भी पदार्थ की लत के समान, इंटरनेट की लत में मस्तिष्क में एक इनाम केंद्र शामिल होता है जो डोपामिन की प्रोडक्शन को ट्रिगर करता है, जिससे खुशी मिलती है। 
इससे नकारात्मक विचार आ सकते हैं और आत्मसम्मान में कमी आ सकती है। इंटरनेट की लत नींद में भी खलल पैदा कर सकती है।
सेहत का नुकसान?
देर रात तक रील्स या शॉर्ट्स देखने की वजह से बच्चे देर से सोते हैं जिससे उनका स्लीप पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है। फिर अगले दिन स्कूल या कॉलेज में दिनभर नींद आती रहती है। नींद पूरी न होने पर स्ट्रेस होने लगता है जिससे बीपी बढ़ने की परेशानी के साथ कई बार डिप्रेशन भी हो सकता है। स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखें कमजोर होने लगती हैं। फिजिकल एक्टिविटी नहीं होती है जिससे वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या हो सकती है।
बचाव के लिए क्या करें? 
रील्स देखने में जो समय बीता रहे हैं, वो दोस्तों के साथ बिताएं। फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। लगातार रील्स देखने की वजह से बच्चे वर्चुअल ऑटिज़म (लर्निंग क्षमता कम होना, बोलना देर से शुरू करना आदि) का शिकार हो रहे हैं। जिससे उन्हें थेरपी और मेडिकल ट्रीटमेंट की भी जरूरत पड़ सकती है। उन्हें मोबाइल देना बंद करें। बच्चे को चश्मा लगा है तो उसके लेंस को मियोस्मार्ट लेंस में बदलवा दें। इससे चश्मे के लेंस का नंबर या तो वहीं रुक जाता है या नंबर बढ़ने की स्पीड कम हो जाती है।