Rajasthan By-Election: , झुंझुनूं सीट पर मुकाबला दिलचस्प, पूर्व मंत्री पत्नी से मिली चुनावी चुनौती
राजस्थान में होने वाले उपचुनाव में सियासी तूफान आ गया है। कांग्रेस और बीजेपी के साथ स्थानीय पार्टियाँ भी शामिल हैं। झुंझनूं सीट पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा पत्नी निशा कंवर से चुनाव लड़ रहे हैं।
राजस्थान में जैसे-जैसे उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, सियासी हमले तेज होते जा रहे हैं। बीजेपी-कांग्रेस के साथ स्थानीय पार्टियां-निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव को रोचक बना दियाहै। इस बार कुल 69 प्रत्याशी मैदान में है। आरएलपी और बीएपी के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव में उतरी कांग्रेस अकेले मैदान मे है। हनुमान बेनीवाल ने पत्नी कनिका बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बीजेपी ने भी जिताऊ प्रत्याशियों पर भरोसा जाता है। इसी बीच झुंझनू सीट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। यहां से कांग्रेस ने ओला परिवार को जिम्मेदारी सौंपी है। अमित ओल के सामने बीजेपी से राजेंद्र भांपू की चुनौती है।
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पति के खिलफ पत्नी लड़ रही चुनाव
उपचुनावों के बीच रोचक खबर सामने आई है। झुंझनू सीट से गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा अकेले मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वह अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने पाकिस्तानी जिंदाबाद होने पर बेतुका बयान दिया था। इसी बीच ये खुलासा हुआ है कि गुढ़ा के सामने किसी प्रत्याशी की चुनौती हो या न हो लेकिन पत्नी से प्रतिस्पर्धा होगी। दरअसल,राजेंद्र की तरह उनकी पत्नी निशा कंवर भी झुंझनू सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक रहे हैं। निशा का चुनाव चिन्ह प्रेशन कुकर तो गुढ़ा का सेब है।
झुंझुनूं सीट का समीकरण
झुंझनूं सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। यहां बीते 20 सालों से ओला परिवार चुनाव जीतता आ रहा है। 1996 के उपचुनाव में बीजेपी का खाता मूलसिंह शेखावत ने खोला था। इसके बाद 2003 में यहां से सुमित्रा सिंह को जीत मिली थी। वहीं, आंकड़ों पर नजर डाले तो इस विधानसभा में 27455 मतदाता हैं। ये सीट जाट बहुल हैं। ऐसे में सभी दलों ने जातीय समीकरण देखते हुए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।