Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

Rajasthan By-Election: गहलोत पर भारी पड़े भजनलाल शर्मा, ऐसे छीन लिया 'जादूगर' का टैग !

राजस्थान उपचुनाव: राजस्थान उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की रणनीति चर्चा का विषय। क्या गहलोत के 'जादू' पर भारी पड़ेंगे शर्मा के 'कौशल'? जानिए बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों की चुनावी तैयारी के बारे में।

Rajasthan By-Election: गहलोत पर भारी पड़े भजनलाल शर्मा, ऐसे छीन लिया 'जादूगर' का टैग !

राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ बीजेपी 10 महीने के कार्यकाल के साथ जनता के सामने है तो कांग्रेस लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। जबकि इन दोनों पार्टियों को हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रोत की पार्टी से जबरदस्त टक्कर मिल रही है। हालांकि इन सब के बीच सबसे ज्यादा चर्चा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की हो रही है। दरअसल, यह चुनाव उनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। जहां उन्होंने अपने कौशल का सही उदाहरण देते हुए सभी को हैरान कर दिया।

ये भी पढ़ें- Rajasthan By-Election: बातों-बातों में नरेश मीणा पर निशाना साध गए डोटासरा? दे डाली ये बड़ी हिदायत

राजस्थान के 'जादूगर' बने भजनलाल शर्मा 

वैसे तो अशोक गहलोत को जादूगर के नाम से जाना जाता है जो अपनी जादूगरी से अच्छे-अच्छे को मात देते हैं। पर गहलोत को भजनलाल शर्मा मात देते दिखाई दे रहे हैं। पहली बार विधायक से सीधे मुख्यमंत्री का पद पाने वाले भजनलाल शर्मा अपने ऐतिहासिक निर्णय और जनता के लिए लगातार विकास कार्यों को लेकर सुर्खियों में है। जब से उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने प्रत्याशियों का ऐलान किया था कई नेता बागी हो गए थे और लगातार टेंशन बढ़ा रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री ने बागडोर अपने हाथों में लेते हुए सभी को न केवल मनाया बल्कि उन्हें पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में भी खड़ा किया। 

इन सीटों पर भजनलाल शर्मा का जादू 

रामगढ़,झुंझुनू देवली उनियारा और सलूंबर सीट पर टिकट न मिलने पर बीजेपी के कई नेता बागी हो गए थे और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का प्लान बनाया था लेकिन भजनलाल शर्मा ने बेहतरीन कौशल का उदाहरण देते हुए बागी हुई नेताओं को न केवल पार्टी में मिलाया बल्कि प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते हुए भी नजर आए। 

बगावत नहीं रोक पाए अशोक गहलोत 

दूसरी ओर कांग्रेस की बात करें तो यहां पर सबसे ज्यादा चर्चा नरेश मीणा की हो रही है जो देवली उनियारा सीट से निर्दलीय मैदान में है। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देने के लिए हनुमान बेनीवाल रविंद्र भाटी और राजकुमार रोत का समर्थन मांगा था और उन्हें ये समर्थन मिलता भी दिख रहा है। उनके बगावती सुरों ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं, राजनीतिक गलियारो में यहां तक कहा जा रहा है कि कई सालों से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय रहने वाले अशोक कांग्रेस के एक बागी विधायक को नहीं मना पाये जबकि 11 महीने पहले विधायक की पहली बार शपथ लेने वाले भजनलाल शर्मा इसमें कामयाब रहे।