Rajasthan By-Election : उपचुनाव के लिए BJP ने कसी कमर, इन 5 सीटों पर ज्यादा फोकस, यहां जानें सियासी समीकरण
Rajasthan Assembly By Election :राजस्थान में उपचुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद से बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी गणित का खेल तेज हो गया है। बीजेपी सात में से पांच सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है।
राजस्थान में उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से बीजेपी-कांग्रेस ने सियासी गणित लगाना शुरू कर दिया है। सात सीटों पर होने वाले उपचुनावों में बीजेपी खास रणनीति तैयार कर रही है। प्रत्याशियों के चयन के लिए राजस्थान से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। वहीं, प्रदेश इकाई की रिपोर्ट पर दिल्ली में उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चल रहा है। वैसे तो बीजेपी सभी सात सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है हालांकि खबरें हैं उसका फोकस पांच सीटों पर सबसे ज्यादा है। पार्टी चाहती है कि कम से कम चार सीटों पर जीत का परचम लहरा सके। बता दें, इस सात सीटों में केवल एक सीट बीजेपी पास की थी।
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उपचुनाव में 5 सीटों पर बीजेपी का फोकस
वैसे तो उपचुनाव सात सीटों पर हैं लेकिन बीजेपी के फोकस में खींवसर, झुंझुनूं, दौसा,रामगढ़ और देवली उनियारा सीट है। यहां बीते चुनाव में सियासी समीकरण कुछ अलग है। इन सीटों पर बीजेपी को त्रिकोणीय मुकाबले या फिर बेहद कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। गौरतलब है, खींवसर सीट पर बीजेपी बेहद कम मतों से हारी थी, जबकि रामगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बीजेपी की गले की फांस बन गया था। झुंझुनू सीट पर बीजेपी हरियाणा पैर्टन तो देवली उनियारा में जातिगत समीकरण पर फोकस कर रही है।
किरोड़ी लाल मीणा पर नजर
मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले किरोड़ी लाल मीणा की एक्टिविटी पर पार्टी नजर बनाये हुए है। बताया जा रहा है वह मंत्री थे तो उन्हें देवली-उनियारा सीट का प्रभारी बनाया गया था हालांकि अब उनकी जगह किसी और को सौंपी गई है। जबकि दौंसा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा का अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है। सूत्रों की मानें तो बीते दिनों मीणा ने दिल्ली में बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन से मुलाकात की थी। इस दौरान दौसा से मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट देने पर चर्चा हुई।
सलूंबर सीट से प्रत्याशी के नाम पर मंथन
इससे इतर सलूंबर सीट मात्र ऐसी सीट थी जहां पर बीजेपी से अमृतलाल मीना ने जीत हासिल की थी,हालांकि उनके निधन के बाद ये सीट भी रिक्त हो गई। ऐसे में पार्टी जाति समीकरण के साथ सहानुभूति लहर का फायदा उठाना चाहती है। कयास लगाए जा रहे कि बीजेपी चुनाव में मीना के परिवार से किसी को टिकट दी सकती है।
सीएम भजनलाल शर्मा की अग्निपरीक्षा
राजस्थान में बीजेपी सरकार को 10 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। ऐसे में जब तक ये चुनाव होंगे और परिणाम आएंगे भजलाल सरकार अपने एक साल के कार्यकाल के करीब पहुंच जाएगी। प्रदेश में बीजेपी लगातार दावे कर रही है कि 10 महीने के भीतर उसने कई बड़े फैसले लिये है। ऐसे में सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव बीजेपी के साथ सीएम भजनलाल शर्मा के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है। ताकि वह जनता के किये गए वादों पर जीत का ठप्पा लगा सके।