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Dholpur News: जिन बदमाशों ने किया अपहरण, उन्हें दिलाई सजा,पढ़ें इस साहसी बच्चे की कहानी

आगरा में हुए हर्ष अपहरण कांड में एक साल के बच्चे को अपहरण कर उसके पिता को गोली मार दी गई थी। 17 साल बाद, हर्ष ने वकील बनकर अपने अपहरणकर्ताओं को उम्रकैद की सजा दिलवाई। हर्ष की कहानी एक न्याय की तलाश और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रमाण है।

Dholpur News: जिन बदमाशों ने किया अपहरण, उन्हें दिलाई सजा,पढ़ें इस साहसी बच्चे की कहानी

वक्त गुजर जाता है लेकिन कुछ जख्म हमेशा हरे रह जाते हैं, आज आपको ऐसे ही बच्चे की कहानी बताएंगे, जिसका पिता के हाथों छीनकर डकैतों ने अपहरण कर लिया, जब बेटे की जान बचाने के लिए पिता संघर्ष करने लगे तो उन्हें गोली मार दी गई और वह बच्चे को अपने साथ ले गए। मासूम को प्रताड़ित किया गया, मन में दहशत पैदा की गई लेकिन जब उस चंगुल से छूटकर आया तो वह कमजोर नहीं बल्कि इच्छाशक्ति से मजबूत हो चुका था। उसके मन में केवल एक ही लक्ष्य था उन बदमाशों को सजा दिलाना। आखिरकार वह दिन आ ही गया। जब उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में हुए चर्चित हर्ष अपहरण कांड में दस्यु गैंग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 17 साल तक चले मुकदमे में कई पड़ाव आए लेकिन सारी बाधाओं कोपार कर आज गर्ग परिवार ने दोषियों को सजा दिलवा दी। 

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आखिर क्या है पूरा मामला ?

बता दें, 10 फरवरी 2007 को आगरा जिले के खेरागढ़ कस्बे में रवि गर्ग अपने छोटे भाई अविनाश और बेटे हर्ष के साथ अपने मेडिकल स्टोर पर थे, अचानक से डकैत गुड्डन कुशवाहा पुलिस की वर्दी में आता है  और बच्चे का अपहरण करने की कोशिश करता है। जब पिता रवि ने बेटे को बचाने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें  गोली मार दी। मामले की गूंज राजस्थान तक सुनाई दी। गुड्डन कुशवाहा और 14 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, बदमाशों ने हर्ष का अपहरण कर 55 लाख की फिरौती मांगी। हालांकि, यूपी-एमपी पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत 6 मार्च 2007 को मध्य प्रदेश के शिवपुरी से बच्चे का सकुशल रेस्क्यू किया गया और अपहरण में शामिल गुड्डन कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, फतेह सिंह, अमर सिंह और अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

वकील बन परिवार को दिलाया न्याय

जिस उम्र में बच्चे पढ़ने-लिखने और खेलने के बारे में सोचते हैं। उस वक्त हर्ष वकील बनने के बारे में सोच रहा था, उसका मकसद केवल आरोपियों को सजा दिलाना था। इसलिए उसने लॉ की पढ़ाई करने की ठानी। 12वीं पास करने के बाद उसने लॉ में दाखिला लिया और घटना के 15 सालों बाद 2022 में आगरा कॉलेज से वकालत की पढ़ाई पूरी की और बार एसोसिएशन में पंजीकरण कराया। इसके बाद, वह अपने मुकदमे में अभियोजन पक्ष के साथ जुड़ गया और कोर्ट में केस की बहस की।

बीजेपी-संघ से जुड़ा गर्ग परिवार

बता दें, हर्ष ने विशेष न्यायाधीश की अदालत में अपहरण के मामले में दोषियों गुड्डन कुशवाहा और अन्य को उम्रकैद की सजा दिलवाई और उन पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जबकि, बलवीर के कोर्ट में न उपस्थित रहने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए गए। इससे इतर हर्ष गर्ग का परिवार संघ और बीजेपी से जुड़ा हुआ है। उसके छोटे बाबा रामकिशन गर्ग लोकतंत्र सेनानी हैं, ताऊ महेश गर्ग भाजपा में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं, और पिता रवि गर्ग रामजनभूमि आंदोलन में जेल जा चुके हैं। वर्तमान में, वह आगरा जिले में मनरेगा के जिला लोकपाल हैं।