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कंवर सती कांड की दिल दलहा देने वाली सच्चाई, 8 आरोपियों की रिहाई, आज भी हिला देती है कहानी,पढ़ें यहां

राजस्थान के चर्चित रूप कुंवर सती मामले में 37 साल बाद अदालत ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी 8 आरोपियों को बाइजत बरी कर दिया। यह मामला दुनिया के आखिरी सती प्रथा के रूप में जाना जाता है।

कंवर सती कांड की दिल दलहा देने वाली सच्चाई, 8 आरोपियों की रिहाई, आज भी हिला देती है कहानी,पढ़ें यहां

एक बार फिर राजस्थान का चर्चित रूप कंवर सती केस चर्चा में आ गया है। जहां अदालत ने 37 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले से जुड़े 8 लोगों को बाइजत बरी कर दिया है। सीकर में हुआ ये मामला दुनिया का आखिरी सती कांड के नाम से भी जाना जाता है। जहां 18 साल की कंवर ने अपनी पति की चिता के आत्मदाह कर लिया था। उसे शाादी की खुशियां केवल 7 महीनों के लिए नसीब हुई थी। वहीं, फैसला सुनाते हुए जयपुर की विशेष कोर्ट ने दशरथ सिंह, महेंद्र सिंह और श्रवण सिंह समेत पांच आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया है। 

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आखिर क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, चार सिंतबर 1987 को कंवर ने सती होकर जान दे दी थी। जानकारी के अनुसार कंवर जयपुर की रहने वाली थी। उसकी शादी 18 साल की उम्र में सीकर के रहने वाले माल सिं शेकावत से हुई थी, हालांकि 7 महीने के अंदर तबियत खराब होने से उनकी पति हो गई। पति के मौत से कंवर इतनी टूट गई कि उसने पति की चिता के साथ सती होने की ठानी। गांव वालों ने उसकी ईच्छा स्वीकार की और उसने जान दे दी। इस घटना का पता लोगों को चला देशभर में हंगामा खड़ा हो गया। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता लगा कि कुंवर खुद  से सती नहीं हुई थी। पुलिस ने 39 लोगों के खिलाफ मृतका को सती होने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया। आरोप था ये आरोपी गांव में घूम-घूमकर सती प्रथा का महिमामंडन करते थे। 

जबरदस्ती कराई गई सती प्रथा

वहीं,स्थानीयों ने इस मामले में गवाही भी दी थी,जहां बताया गया था कि रुप कुंवर को जबरदस्ती सती प्रथा के लिए मजबूर किया गया। उसके हाथों में नारियल और फूल देकर पति की चिता की परिक्रमा लगवाई गई थी। यहां तक ये भी कहा गया था जल्दी सब खत्म करो वरना पुलिस आ जाएगी। इस दौरान कंवर पति का सिर गोद में रखकर बैठ गई और कनस्तरभर घी डालकर आग लगा दी गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आईपीसी की धारा 306 तक पूरे गांव पर मुकदमा दर्ज किया और ससुर को मुख्य आरोपी बनाया गया।