Kota News: लंपी वायरस का हमला, गौशालाओं में मवेशियों की बिगड़ी हालत
राजस्थान के कोटा में लंपी वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पिछले दो दिनों में 100 से अधिक मवेशियों को संक्रमित पाया गया है, जिससे शहर में 125 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया के चलते गौशाला समिति ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है।
राजस्थान में लंपी वायरस एक बार फिर से सक्रिय हो गया है, खासकर कोटा जिले में। हाल ही में नगर निगम की बंधा गौशाला में आवारा पशुओं के कारण यह संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है। पिछले दो दिनों में 100 से अधिक मवेशियों को लंपी वायरस से संक्रमित पाया गया है। संक्रमित पशुओं को उपचार के लिए किशोरपुरा कैन हाउस में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। अब तक कोटा में 125 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिससे पशुपालकों में चिंता बढ़ गई है।
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लंपी वायरस के लिए गंभीर नहीं प्रशासन
गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वे लंपी वायरस के प्रति गंभीर नहीं हैं। उन्होंने बताया कि महापौर राजीव अग्रवाल ने भी जिला प्रशासन को इस संबंध में पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा से अपील की है कि कोटा और राज्य की अन्य गौशालाओं में फैली अव्यवस्था को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करें।
लंपी वायरस क्या है?
लंपी वायरस, जिसे गांठदार त्वचा रोग के नाम से भी जाना जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है। यह पॉक्सविरिडे परिवार के नीथलिंग वायरस के कारण होता है। इस बीमारी में मवेशियों की त्वचा पर गांठें उभरती हैं, जिससे उनकी पुरानी दुर्बलता, दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। साल 2022 में यह वायरस राजस्थान में बड़े पैमाने पर फैल चुका था, जिससे मवेशियों का जीवन संकट में पड़ गया था।
वायरल कई जानवरों को कर चुका है परेशान
इस खतरनाक वायरल की शुरूआत कोविड-19 के बाद हुई थी। इस वायरस का असर बेजुबान जानवरों के ऊपर देखने को मिला था। वैसे ये बीमारी खासतौर पर गायों के ऊपर ही देखने को मिली है। इस लंपी वायरस का असर सबसे ज्यादा राजस्थान के इलाकों में ही देखने को मिला था, जिससे कई गाय इसकी चपेट में आई थीं और इस बार भी ये वायरस प्रकोप दिखा रहा है।