Rajasthan News: तिरंगे में लिपट कर दोनों शहीद जवानों का पार्थिव शरीर पहुंचा जयपुर, नम आंखों से लोगों ने दी श्रद्धाजंलि
Rajasthan Soldiers Martyred in Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में शहीद हुए राजस्थान के दोनों जवानों का पार्थिव शरीर विशेष वमान से जयपुर एयर पोर्ट पहुंंच चुका है. जहां से सड़क मार्ग से पार्थिव शरीर पैतृक गांव ले जाया जाएगा.
जम्मू कश्मीर के डोडा इलाके में मंगलवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ में राजस्थान के रहने वाले दो जावन बिजेंद्र सिंह और अजय सिंह शहीद हो गए थे. जिसके बाद बुधावर को विशेष विमान से दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर जयपुर पहुंच गए है. जहां से दोनों के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से झुंझुनू की बुहाना तहसील में स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा. जहां दोपहर को दोनों जवानों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. जयपुर में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एयरपोर्ट पहुंच कर नम आंखों से दोनों शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की. इस दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सेना और सरकार ईंट का जवाब पत्थर से देगी.
एक साथ सेना में हुए शामिल और एक साथ शहीद
खुमा की ढाणी के बिजेंद्र सिंह और भैसावता कलां के अजय सिंह नरूका दोनों जवान साल 2016 में एक साथ सेना भर्ती में हुए थे. दोनों जवानों के साथ ट्रेनिंग भी पूरी की थी. अब दोनों जवान एक साथ ही शहीद भी हुए है. दोनों जवान 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. शहीद जवान बिजेंद्र सिंह 13 जुलाई और अजय सिंह 18 जुलाई को छुट्टी लेकर अपने पैतृक गांव आने वाले थे. लेकिन छुट्टी कैंसिल होने की वजह से वापस नहीं आ सके और मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए.
अपने पीछे दो बच्चों को छोड़ गए बिजेंद्र सिंह
शहीद बिजेंद्र सिंह के पिता रामजीलाल किसान हैं. सेना मे भर्ती के बाद साल 2018 में बिजेद्र सिंह की शादी हो गई थी. उनके दो बच्चे हैं. 4 साल का विहान व 1 साल का किहान है. सोमवार को पत्नी की जन्मदिन था. उसी दिन घर में पति के शहादत की खबर आई. जिसके बाद पूरे परिवार कोहराम मच गया.
पिता भी सेना में हुए थे शहीद
वहीं शहीद जवान अजय सिंह ने साल 2021 में शादी की थी, उनकी पत्नी का नाम शालू कंवर है. शहीद के पिता कमल सिंह भी 24 राजपूत से 2015 में सेवानिवृत हुए हैं. उनका बड़ा भाई करणवीर सिंह भटिंडा एम्स में डॉक्टर है. जबकि चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सिक्किम में तैनात हैं. उन्हें 2022 में सेना मैडल से भी नवाजा गया था.