Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

Rajasthan News: ओमप्रकाश हत्याकांड बना एक और अनसुलझी गुत्थी? दो महीने बाद भी पुलिस की चुप्पी, सवालों के घेरे में जांच

दो महीने पहले प्रशासन ने धरना समाप्त करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन पुलिस की जांच अब तक किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। एफएसएल टीम और जांच अधिकारी बदलने के बावजूद केस में कोई भी सुराग नहीं मिला।

Rajasthan News: ओमप्रकाश हत्याकांड बना एक और अनसुलझी गुत्थी? दो महीने बाद भी पुलिस की चुप्पी, सवालों के घेरे में जांच

डीडवाना जिले के लाडनूं में दो महीने पहले मिले ओमप्रकाश के शव के मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ अब परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा है। मामले की जांच में ढिलाई और अब तक कोई सुराग न मिलने से आक्रोशित परिजनों ने कलेक्टर कार्यालय पर धरना दिया। उनका आरोप है कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। एफएसएल टीम, नई जांच टीम, जांच अधिकारी सब बदल दिए गए, लेकिन नतीजा जस के तस है।

इसे भी पढ़िये - Rajasthan News : जनसुनवाई में उठी बगावत की चिंगारी, हारे प्रत्याशियों की दखलंदाजी पर बवाल, अधिकारियों की कुर्सी डगमगाई

दो महीने बाद भी खामोश है लाडनूं पुलिस

दो महीने पहले प्रशासन ने धरना समाप्त करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन पुलिस की जांच अब तक किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। एफएसएल टीम और जांच अधिकारी बदलने के बावजूद केस में कोई प्रगति नहीं हुई। इस स्थिति से नाराज परिजनों ने डीडवाना जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया।

पुलिस सुलझा पाएगी हत्या का रहस्य?

परिजनों का मानना है कि ये मामला हत्या का हो सकता है, लेकिन पुलिस इसे सुलझाने में पूरी तरह नाकाम रही है। इससे समाज के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विधायक मुकेश भाकर ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की ये स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 30 नवंबर तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो 1 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।

सवालों के घेरे में जांच

धरने के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा और विधायक ने परिजनों के साथ चर्चा की और समय मांगा। परिजनों ने स्पष्ट कर दिया कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए। इस मामले ने पुलिस और प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो ये आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है।

रिपोर्ट - मोहम्मद साकिर