राजस्थान में अवैध धर्मांतरण पर लगेगी लगाम, भाजपा नेता तिवाड़ी ने किया इस कानून का समर्थन
राजस्थान सरकार ने जबरन और छलपूर्वक धर्मांतरण रोकने के लिए "दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024" को कैबिनेट से मंजूरी दी है। इस कानून का उद्देश्य लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाना है। इसके तहत दोषियों को 3 से 10 साल की सजा और पीड़ित को 5 लाख रुपये तक मुआवजा मिलेगा।
राजस्थान सरकार ने जबरन और छलपूर्वक धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नए धर्मांतरण कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब "दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024" विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस कानून का उद्देश्य लव जिहाद और अन्य जबरन धर्मांतरण के मामलों पर कठोर कार्रवाई करना है।
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धर्म परिवर्तन के कानून बनने के फैसले का किया स्वागत
भाजपा के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून धर्म परिवर्तन के नाम पर हो रही धोखाधड़ी, लालच, और दबाव को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा। तिवाड़ी ने कहा, "पहले भी यह बिल लाया गया था, लेकिन यह कानून नहीं बन सका। अब, इस बिल के लागू होने से राज्य में अवैध धर्मांतरण पर लगाम लगेगी।"
क्या मिलेगी सजा
इस कानून के तहत, शादी का झांसा देकर, आर्थिक लाभ का लालच देकर, या अन्य छलकपट से धर्म परिवर्तन कराने वालों पर 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। साथ ही पीड़ित को 5 लाख रुपये तक मुआवजा मिलेगा। अगर कोई संस्था सामूहिक धर्मांतरण में लिप्त पाई जाती है, तो उसकी सरकारी सहायता बंद कर दी जाएगी।
धर्म परिवर्तन के लिए क्या करना होगा
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद मर्जी से धर्म बदलने के लिए भी 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य केवल अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाना है, न कि किसी की धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना।
मंत्री ने बताया कि राज्य में अवैध धर्मांतरण की बढ़ती शिकायतों के कारण यह कानून समय की मांग है। बजट सत्र में इसे पारित करने की योजना है। कानून बनने के बाद राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता को सुरक्षित रखते हुए अवैध गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जाएगी।