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राजस्थान में शिकारियों के हौसले बुलंद, काले हिरण के बाद नील गाय को माली गोरी, ग्रामीण ने दी प्रदर्शन की चेतावनी

राजस्थान में वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं ने फिर से तूल पकड़ लिया है। श्रीगंगानगर में काले हिरण के शिकार के बाद अब नीलगाय की हत्या से स्थानीयों और वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है। इस मामले में पुलिस और वन विभाग द्वारा जांच जारी है। 

राजस्थान में शिकारियों के हौसले बुलंद, काले हिरण के बाद नील गाय को माली गोरी, ग्रामीण ने दी प्रदर्शन की चेतावनी

राजस्थान में काले हिरण के शिकार का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर शिकारियों ने नीलगाय की गोली मारकर हत्या कर दी। बताते चलें बीते कई दिनों से बाड़मेर-श्रीगंगानगर में वन्यजीवों को शिकार बनाया जा रहा है। जिससे स्थानीयों और वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश व्याप्त है। बीते कई दिनों से चल रहा गतिरोध हाल में शांत हुआ था लेकिन नीलगाय के शिकार ने इसे फिर से हवा दे दी है। 

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वन्यजीवों के हत्या के खिलाफ प्रदर्शन 

दरअसल,श्रीगंगानगर जिले में स्थित सूरतगढ़ में काले हिरण के शिकार के बाद ग्रामीणों में नाराजगी है। वह इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। स्थानीयों का कहना है बीते कई दिनों से शिकारी बाड़मेर-श्रीगंगानगर में निर्दोष-बेजुबान वन्य जीवों को शिकार बना रहे हैं। जिसके विरोध में 4 दिन से धरना दिया जा रहा था जो बुधवार को ही खत्म हुआ था। ऐसे में एक बार फिर नील गाय की हत्या से वन्यजीव प्रेमियों का गुस्सा और बढ़ गया है। 

घटनास्थल पर पहुंचे आला-अधिकारी 

मामले की गंभीरता को देखते हुए सूरतगढ़ डीएसपी प्रतीक मील और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे व जांच पड़ताल की। इससे इतर वन विभाग रेंजर संदीप लायल भी घटनास्थल पहुंचे। मामले की ज्यादा जानकारी देते हुए जीवनरक्षा दल जिलाध्यक्ष मुकेश सुथार ने बताया कि हरदासवाली की अनूपगढ़ साखा के भरतपुर माइनर के पास नीलगाय का शव मिलने की सूचना मिली थी। नीलगाय को गोली मारी गई थी। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। 

पुलिस से हुई ग्रामीणों की नोकझोंक 

वहीं जैसे ही ग्रामीणों को नीलगाय की हत्या की खबर मिली। स्थानीयों में आक्रोश व्याप्त हो गया। वन विभाग और पुलिस से भी ग्रामीणों की तीखी-नोकझोंक देखने को मिली। ग्रामीणों ने अवैध शिकार पर लगाम लगाने के साथ जल्द से जल्द शिकारियों को पकड़ने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी की अगर शिकारी नहीं पकड़े गए तो गांव वाले प्रदर्शन करेंगे। पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश करती रही लेकिन वे नहीं मानें। 

पुलिस प्रशासन के लिए खड़ी हुई मुसीबत

काले हिरन की हत्या मामले मे ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन खत्म कराने में पुलिस को 4 दिन लग थे। स्थानीयों को समझाने के लिए अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। यहां तक मामला इतना बढ़ गया था कि DFO,APO और सूरतगढ़ वन रेंजर को सस्पेंड कर दिया गया था। ऐसे में एक बार फिर नीलगाय की हत्या ने पुलिस की नींद उड़ा दी है।