Sawai madhopur news: वन विभाग की बहुत बड़ी कार्रवाई, रणथंभौर में इतनी गाड़ियां की गई सीज़, जानिए वजह
वन विभाग द्वारा जब्त की गई सभी लग्जरी गाड़ियां राजस्थान, हरियाणा, एमपी,यूपी और महाराष्ट्र नम्बरों की हैं। अवैध तरीके से रणथंभौर के जोन नम्बर आठ के जंगल में लग्जरी गाड़ियों के घुसने का मामला उजागर होने के बाद पीसीसीएफ और सीडब्ल्यूसीएलडब्लयू पवन उपाध्याय के निर्देश पर रणथंभौर वन प्रशासन हरकत में आया ।
सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से लग्ज़री गाड़ियों की घुसपैठ के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 लग्जरी गाड़ियों को जब्त किया है।
कई राज्यों के नंबर प्लेट वाली गाड़ियां
वन विभाग द्वारा जब्त की गई सभी लग्जरी गाड़ियां राजस्थान, हरियाणा, एमपी,यूपी और महाराष्ट्र नम्बरों की हैं। अवैध तरीके से रणथंभौर के जोन नम्बर आठ के जंगल में लग्जरी गाड़ियों के घुसने का मामला उजागर होने के बाद पीसीसीएफ और सीडब्ल्यूसीएलडब्लयू पवन उपाध्याय के निर्देश पर रणथंभौर वन प्रशासन हरकत में आया ।
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14 लग्जरी गाड़ियां जब्त
इसके बाद रणथंभौर के सीसीएफ अनूप के आर और डीएफओ रामानंद भाकर ने कार्रवाई करते हुए 14 लग्जरी गाड़ियों को जब्त कर वन विभाग के कार्यालय परिसर में खड़ा कर दिया।
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वन विभाग द्वारा बीती रात को 5 और शेष गाड़ियों को आज कई होटलों से जब्त किया गया है ।
वनाधिकारियों ने बताया कि मामले को लेकर अनुसंधान किया जा रहा है और अनुसंधान के बाद जब्त की गई गाड़ियों एंव सम्बंधित दोषियों पर वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी ।
बता दें कि 15 अगस्त की शाम को एडवेंचर टूर के नाम पर एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़िया रणथंभौर के जोन नंबर आठ में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर गई थी । जबकि प्रदेश भर में अभी मानसून सत्र में सफारी बंद है ।
इससे भी अधिक हैरत की बात यह है कि रणथंभौर के जंगल में अनुबंधित जिप्सी और कैंटर सफारी के लिए चलते हैं । लेकिन 15 अगस्त की शाम को यहां स्कार्फीयो और थार जैसी एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर नेशनल पार्क के जॉन नंबर 8 में सफारी के लिए अवैध रूप से घुस गई । जिसका वीडियो भी वायरल हो गया ।
मामले का वीडियो वायरल
यही नहीं वायरल वीडियो में रणथंभौर के जंगल के भीतर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते भी नजर आ रहे हैं। जहां टाइगर का पूरा मूवमेंट रहता है । कोई बड़ी घटना भी इस दौरान घटित हो सकती थी। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । इस जगह बिना वन विभाग की इजाजत के जाना मुमकिन नहीं है।
मामले को लेकर उठ रहे कई गंभीर सवाल
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार एक दर्जन लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर नेशनल पार्क के जोन नंबर आठ में यह गाड़ियां सफारी करने कैसे पहुंच गई। रणथंभौर नेशनल पार्क बारिश काल में तीन महीने के लिए बंद है। हालांकि जोन नंबर 6 से 10 के बीच केवल अनुबंधित वाहनों को ही वन विभाग की इजाजत से पार्क भ्रमण पर भेजा जा सकता है ।लेकिन वीडियो में दिख रही स्कॉर्पियो थार जैसी गाड़ियों को जंगल में जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। तब अपने प्रभाव का उपयोग करके यह लोग नेशनल पार्क के भीतर घुस गए।
वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के बिना रणथंभौर के जंगल मे इन गाड़ियों का घुसपैठ करना संभव नहीं है क्योंकि रणथंभौर में सर्विलांस सिस्टम और एंटी पोचिंग सिस्टम लगा हुआ है। जिसके माध्यम से पूरे रणथंभौर पर वन विभाग की पैनी नजर रहती है और जंगल मे घटित होने वाले हर मूवमेंट पर नजर रहती है। ऐसे में यह बिल्कुल भी संभव नहीं है कि अधिकारियों की मजरवानी के बिना एक भी गाड़ी जंगल में अवैध रूप से घुसपैठ कर सके ।
इन गाड़ियों के जंगल मे घुसने के पीछे वन विभाग के अधिकारियों की ही मिलीभगत हो सकती है । सभी गाड़ियों पर एडवेंचर लिखा हुआ है। ऐसे में मिली भगत और भ्रष्टाचार का कितना बड़ा खेल रणथंभौर नेशनल पार्क में चल रहा है , इन तस्वीरों से साफ देखने को मिल रहा है। वीडियो 15 अगस्त की शाम का है। जानकारी के अनुसार सभी गाड़ियां बालास चौकी से नेशनल पार्क में प्रवेश हुई तथा हिंदवाड के रास्ते होते हुए जंगल से बाहर निकलीं। जबकि यह पूरा इलाका क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है। इस जगह किसी भी सूरत में किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं है।
वीडियो वायरल होने और मीडिया में खबरे चलने और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हरकत में आये। रणथंभौर वन प्रशासन ने गाड़ियां तो जब्त कर ली हैं, लेकिन देखने वाली बात यह है कि विभाग उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कर पाएगा जिन अधिकारियों की इन गाड़ियों की अवैध घुसपैठ में मिली भगत है क्योंकि अधिकारियों और टूर ऑपरेटर की मिलीभगत के बिना रणथंभौर के जंगल मे इन गाड़ियों का प्रवेश करना नामुमकिन है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामले का अनुसंधन चल रहा है और जो भी दोषी होगा उन सब पर कार्रवाई की जायेगी। अब देखना यह होगा कि विभाग कब और किस किस पर कार्रवाई कर पाता है ।