अलवर में एससी-एसटी आरक्षण के विरोध में निकाला प्रदर्शन, पुलिस सुरक्षा के बीच पूरा बाजार बंद
एससी और एसटी वर्ग के लोगों ने आरक्षण को लेकर 22 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया। अलवर शहर और जिले में इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला, जहां व्यापार मंडलों ने स्वैच्छिक रूप से अपनी दुकानें बंद रखीं। एससी-एसटी समाज ने शांतिपूर्ण रैलियों के माध्यम से बाजारों को बंद कराया, जबकि पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों ने आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के विरोध में 22 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया। इस आह्वान के अंतर्गत अलवर शहर और जिले में भी एससी एसटी वर्ग के लोगों ने व्यापक बंद का आयोजन किया, जिसमें शहर के व्यापार मंडलों ने भी स्वैच्छिक रूप से दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया।
इस भारत बंद के समर्थन में शहर में एससी एसटी समाज के लोग होप सर्कस पर एकत्रित हुए और विभिन्न टोलियों में विभाजित होकर शहर के कई क्षेत्रों में रैली निकालने के लिए रवाना हुए। इन रैलियों के जरिए बाजारों को बंद करने का अनुरोध किया गया, जिसे शांति और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से पूरा किया गया। रैली के पीछे पुलिस पूरी सतर्कता के साथ तैनात रही और बाजारों में भी पुलिस बल मुस्तैदी से डटा रहा।
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पुलिस अधीक्षक ने लिया जायजा
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने खुद शहर के कई जगहों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। उनके साथ में क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) के पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे, जिससे शांति से रैली निकाली जा सके। इस बंद के दौरान, अलवर शहर के सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह से बंद रहे, जिसमें मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी प्रतिष्ठान शामिल थे।
भारी पुलिस बल रहा मौजूद
शहर बंद के दौरान पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया था। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से एससी एसटी वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के प्रति अपना असंतोष जाहिर किया और आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ अपना मत भी प्रकट किया। सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के प्रति असहमति जताने के लिए शांति और संयम के साथ एकजुट हुए हैं।