फिर आक्रमक तेवर में दिखीं 'महारानी', शायराना अंदाज़ में कही ऐसी बात, दिल्ली तक मच गई खलबली!
अभिनंदन कार्यक्रम में अपने संबोधन में वसुंधरा राजे ने कहा कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचे, इनके पैर सदा ज़मीन पर रहे हैं। इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं।
सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। ये कार्यक्रम खास इसलिए भी था क्योंकि कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपने पुराने तेवर में दिखाई दीं।
इसे भी पढ़िये - Jaipur News: देश भर में चल रहा बीजेपी का सदस्यता अभियान, सीएम भजनलाल को दिलाई गई सदस्यता
माथुर को लेकर राजे ने कही बड़ी बात
अभिनंदन कार्यक्रम में अपने संबोधन में वसुंधरा राजे ने कहा कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचे, इनके पैर सदा ज़मीन पर रहे हैं। इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं। वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है,वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं। उन्होंने कहा माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेना चाहिये कि ‘चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, पर पांव हमेशा ज़मीं पर रखो’। राजे ने उन्हें सिक्किम का गवर्नर बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
‘गवर्नर रबर स्टाम्प नहीं’
राजे ने कहा कि पीएम के करीबी माथुर ऊपर से गर्म, भीतर से नरम हैं। जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिला कर असंभव को संभव किया। विपक्षी कुछ भी कहें गवर्नर रबर स्टाम्प नहीं है। जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा। माथुर कुशल घुड़सवार हैं। जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकता है। वह मंत्री परिषद की सलाह से काम तो करता है लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उसका निर्णय ही अंतिम है।
‘राज्यपाल शक्तिरहित नहीं शक्ति सहित’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफ़ारिश पर किसी भी बहुमत की सरकार को हटा कर उस प्रदेश में सरकार के सारे अधिकार राज्यपाल को मिल जाते हैं। इसलिए राज्यपाल शक्ति रहित नहीं, शक्ति सहित होता है। संविधान बनाते वक्त यह तय हुआ कि देश में जैसे राष्ट्रपति हैं, वैसे ही राज्ये को गवर्नर करने के लिए गवर्नर होंगे। इसलिए राज्य में गवर्नर ही सबसे शक्तिशाली होता है।