जानिए क्या है इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा, जिसे डॉक्टर्स कर रहें हैं सरकारी सेवाओं में शामिल करने की मांग
Electropathy Medical: सरकार ने 5 अक्टूबर, 2018 को इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति कानून तो बना दिया, लेकिन रेगुलेट करने के लिए आज तक बोर्ड का गठन नहीं हुआ। इससे इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टर्स काफी नाराज हैं और कई बार आंदोलन भी कर चुकें हैं।
Electropathy Medical: इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा एक ऐसी पद्विति है जो पूरी तरह प्राकृतिक, हर्बल, रसायन रहित और बिना साइड इफेक्ट पर काम करती है, लेकिन उसके बाद भी इलेक्ट्रोपैथी के चिकित्सकों को अपने वजूद को बचाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति कानून तो बना दिया, लेकिन रेगुलेट करने के लिए आज तक बोर्ड का गठन नहीं किया।
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में शामिल हैं 100 प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में आयुर्वेद, नैचुरोपैथी, एलोपैथी, यूनानी, होमियोपैथी, एक्यूपंचर आदि कोई 100 प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां आज दिखाई देती है. सभी पद्धतियां अपना-अपना महत्व रखती हैं। इसी उद्देश्य से इलैक्ट्रोपैथी पद्धति का जन्म हुआ। अब तक की सभी पद्धतियों से बिल्कुल भिन्न ये पद्धति इलाज के लिए कारगर साबित हो रही है।
इलेक्ट्रोपैथी में सभी बीमारियों का इलाज शामिल
डाक्टर्स के मुताबिक इलेक्ट्रोपैथी में सारी बीमारियों का सम्पूर्ण उपचार है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा से सेवाएं देने वाले लाखों लोग हैं जो काम कर रहे हैं, शोध कर रहे हैं। इलेक्ट्रोपेथी पूरी तरह से हर्बल है। ये होम्योपैथी से अलग है। इलेक्ट्रोपैथी से लिया गया उपचार कारगर है। 80 प्रतिशत तक रोगी स्वास्थ्य लाभ लेते हैं।
पौधों पर आधारित है इलेक्ट्रोहोम्योपैथी
रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रोपैथी की सभी औषधियां वनस्पति जगत से निर्मित हैं। इस पद्धति के अलावा अन्य पद्धतियों में औषधियों का निर्माण पादप जगत के अलावा खनिज लवण जीव जंतु और संश्लेषित रसायनों द्वारा होता है और यह औषधियां मानव शरीर पर कई हानिकारक और अहित कारक प्रभाव डालती हैं। इस एकमात्र चिकित्सा पद्धति की संपूर्ण औषधियां पूर्णरूपेण पौधों पर आश्रित होने के कारण हानि रहित होती हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट