दूसरे चरण की इन सीटों पर राजस्थान में कौन किस पर भारी ? देखिए हमारी एक खास रिपोर्ट...
जोधपुर लोकसभा सीट राजस्थान की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है, यहां मुकाबला एकतरफा नहीं, बल्कि करीबी है। जोधपुर सीट पर बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत चुनाव लड़ रहे हैं। शेखावत यहां से 2014 और 2019 में भी जीत दर्ज कर चुके हैं। पिछली बार उन्होंने प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराया था।इस बार कांग्रेस ने यहां से करण सिंह उजियारडा को टिकट दिया है।करण सिंह भी गहलोत की तरह राजपूत समुदाय से आते हैं, जिसके चलते बीजेपी के लिए टेंशन बने हुए हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी सीट से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं।
जोधपुर लोकसभा सीट राजस्थान की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है, यहां मुकाबला एकतरफा नहीं, बल्कि करीबी है। जोधपुर सीट पर बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत चुनाव लड़ रहे हैं। शेखावत यहां से 2014 और 2019 में भी जीत दर्ज कर चुके हैं। पिछली बार उन्होंने प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराया था।इस बार कांग्रेस ने यहां से करण सिंह उजियारडा को टिकट दिया है।करण सिंह भी गहलोत की तरह राजपूत समुदाय से आते हैं, जिसके चलते बीजेपी के लिए टेंशन बने हुए हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी सीट से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं।
कोटा में किसे पड़ेगा वोटों का टोटा ?
कोटा लोकसभा सीट भी हाई प्रोफाइल सीटों में एक है। यहां से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बीजेपी ने लगातार तीसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है। ओम बिरला ने पिछले दो चुनावों यानी 2014 और 2019 में अच्छे खासे वोटों से जीत दर्ज की, लेकिन इस बार जीत इतनी आसान नहीं मानी जा रही है। ओम बिरला के खिलाफ कांग्रेस ने प्रह्लाद गुंजन कोमैदान में उतारा है। प्रह्लाद गुंजन चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं। गुंजल गुर्जर समुदाय से हैं। इतना ही नहीं गुंजल किसी समय ओम बिड़ला के विश्वस्त माने जाते थे, लेकिन बदली सियासी परिस्थितियों के चलते अब वह बिरला को ही चुनौती दे रहे हैं। इस सीट के सियासी समीकरण और 10 सालों का काम काज ओम बिरला के अनुकूल हैं लेकिन गुंजल के चुनावी मैदान में आने से जातीय समीकरण के आधार पर इस सीट पर भी मुक़ाबला जबरदस्त है।
चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर सबकी नजर
चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर इस बार सबकी नजर टिकी है, यहां मुकाबला काफी रोचक है। एक तरफ बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी फिर से चुनावी मैदान में हैं। तो वहीं कांग्रेस से अंजना उदयलाल और बहुजन समाज पार्टी से मेघवाल राधेश्याम मैदान है। जोशी के सामने गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना के उतरने से कांटे की लड़ाई बन गई है। विधानसभा चुनाव से ही चंद्रभान सिंह आक्या के साथ उनकी सियासी अदावत चल रही है और आक्या का टिकट कटने के बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में जीत मिली थी। इस तरह समीकरणों से जोशी को भितरघात का खतरा बना हुआ है।
पाली और बांसवाडा का नजारा भी समझिये
पाली लोकसभा सीट पर बीजेपी की पीपी चौधरी मैदान में है तो कांग्रेस से संगीता बेनीवाल चुनावी मैदान में उतरी है। बीजेपी प्रत्याशी मोदी के नाम और काम के दम पर वोट मांग रहे हैं तो कांग्रेस की संगीता ने स्थानीय मुद्दों को अपना हथियार बनाया हैं। वहीं, बांसवाडा लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर भी मैदान में हैं। प्रत्याशी की मौजूदगी के बावजूद अब कांग्रेस का एक धड़ा बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत के समर्थन में वोटिंग करने की अपील कर रहा है। कांग्रेस से बीजेपी में आए गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री और इस इलाके के बड़े नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी मैदान में है।
क्या होगा भीलवाड़ा लोकसभा सीट का
भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी मैदान में हैं। डॉ. जोशी के सामने उतरने से बीजेपी के दामोदर अग्रवाल के लिए चुनौती बड़ी हो गई है। वहीं, राजसमंद लोकसभा सीट पर बीजेपी से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी महिमा सिंह मेवाड़ प्रत्याशी है। ये सीट भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली सीटों में गिनी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी को बदल कर दामोदर गुर्जर को उतारा है, लेकिन इस बदलाव के बाद सियासी समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं।
इन सीटों पर भी एक नजर
मेवाड़ लोकसभा सीट बीजेपी खुद के लिए मजबूत मानती है। दर्जी कन्हैयालाल की बर्बर हत्या के बाद से यहां धर्म और भी बड़ा मुद्दा बन गया है। यहां बीजेपी से मन्नालाल रावत मैदान में है तो कांग्रेस से प्रत्याशी ताराचंद मीणा है। यहां गठबंधन के बावजूद बीएपी से प्रकाशचंद्र बुझ खड़े हुए हैं। कांग्रेस को वोट बैंक में सेंध का पूरा खतरा है। टोंक सवाईमाधोपुर भी उन सीटों में से एक है, जहां चुनाव फंसा हुआ है।बीजेपी से सांसद सुखबीर सिंह जोनापुरिया मैदान में हैं और उनके सामने विधायक हरीश मीणा ताल ठोक रखी है। यहां गुर्जर-मीणा वोटों का ध्रुवीकरण देखने को मिल रहा है। मीणा सचिन पायलट खेमे के होने के कारण यहां गुर्जर वोट बैंक में कांग्रेस अच्छी सेंध लगती नजर आ रही है। अजमेर लोकसभा सीट से रामचंद्र चौधरी कांग्रेस मैदान में है तो बीजेपी से भगीरथ चौधरी किस्मत आजमा रहे हैं।