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राजस्थान में क्यों हो रही अलग राज्य की मांग, आदिवासी क्यों चाहते हैं भील प्रदेश, BAP पार्टी ने उठाई मांग

Bhil Pradesh: राजस्थान में 'भील प्रदेश' के नाम से अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है।आदिवासी समुदाय ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 49 जिलों को मिलाकर नये राज्य गठन की मांग की है।

राजस्थान में क्यों हो रही अलग राज्य की मांग, आदिवासी क्यों चाहते हैं भील प्रदेश, BAP पार्टी ने उठाई मांग

Bhil Pradesh: राजस्थान में भील प्रदेश बनाने की मांग जोरों पर है। बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में चार राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग फिर उठाई जा रही है।

बीएपी पार्टी ने उठाई मांग

आदिवासी समाज के कई नेता अलग-अलग मौकों पर आदिवासी समाज के लिए अलग से राज्य बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन अब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) इस मांग को मुखरता से उठा रही है। राजस्थान की बांसवाड़ा लोकसभा सीट से BAP के सांसद राजकुमार रोत ने कहा है कि भील प्रदेश की मांग नई नहीं है। भील प्रदेश की मांग कई सालों से उठाई जा रही है।

‘आदिवासी समाज के साथ भेद भाव’

भारत रफ्तार के खास इंटरव्यू में बीएपी पार्टी के विधायकों ने बताया कि भील प्रदेश की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। आदिवासी समाज के लिए हमारी पार्टी हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। और उनके विकास के लिए एक नया राज्य होना जरूरी हैं जहां उनकी सरकार हो। क्योंकि बाकि राज्यों में जिस तरह से आदिवासी समाज के साथ भेद-भाव किया जाता है वह काफी ज्यादा गलत है। इसकी वजह से आदिवासी समाज काफी पीछे रह गया है।

‘आजादी के पहले बना था भील खंड’

बीएपी विधायकों ने बताया कि आजादी के पहले से ही भील खंड था। साथ ही उन्होनें बताया कि इस मांग को उठाने का बड़ा मकसद है कि आदिवासी समाज का भी विकास हो सके। शैक्षणिक और संस्कृति दोनों ही स्तर पर आदिवासी समाज भी आगे आ सकें। अलग अलग राज्यों में जो आदिवासी समाज रह रहें है उनके साथ सरकारें भेद भाव करती हैं जिससे आदिवासी समाज पर बुरा असर पड़ता हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट राजस्थान