फिर से महिलाओं-लड़कियों को मिल सकता है फ्री स्मार्टफोन, जानें क्या है पूरा माजरा
अशोक गहलोत सरकार ने चुनाव से ठीक पहले इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना लागू की थी. 10 अगस्त को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी शुरूआत की घोषणा हुई कि पहले फेज में 40 हजार महिलाओं-छात्राओं को फ्री स्मार्टफोन दिया जाएगा.
राजस्थान में पूर्व की अशोक गहलोत सरकार के समय शुरू की गई इंदिरा स्मार्टफोन योजना। बीजेपी सरकार आने के बाद फिलहाल अधर में है. इस योजना के तहत प्रदेश की 1 करोड़ 33 लाख महिलाओं-छात्राओं को मुफ्त में स्मार्टफोन देने का टारगेट था. 10 अगस्त 2023 से पहले चरण की शुरूआत भी हो गई जिसमें 40 हजार महिलाओं-छात्राओं को स्मार्टफोन दिए जाने थे.
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नवंबर में आचार संहिता लगने के बाद इस योजना पर रोक लग गई. जिससे तक सभी 40 हजार महिलाओं-छात्राओं को स्मार्टफोन नहीं मिल पाए थे. जिन महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन नहीं मिले थे वह सभी अभी तक अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं. हालांकि फ्री स्मार्टफोन को लेकर राजस्थान विधानसभा से बड़ी खबर सामने आई है आया है.
अशोक गहलोत सरकार ने चुनाव से ठीक पहले इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना लागू की थी. 10 अगस्त को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी शुरूआत की घोषणा हुई कि पहले फेज में 40 हजार महिलाओं-छात्राओं को फ्री स्मार्टफोन दिया जाएगा. राज्य की कुल 1 करोड़ 33 लाख महिलाओं-छात्राओं को फ्री स्मार्ट फोन देने का टारगेट रखा गया था. इसमें क्लास 9वीं से क्लास 12वीं तक पढ़ने वाली छात्राएं, विधवा महिलाएं, एकल महिला पेंशनयाफ्ता और वर्ष 2022-23 में नरेगा योजना में रजिस्ट्रेशन परिवारों के महिला मुखिया को मोबाइल देने का टारगेट रखा गया था.
इसके लिए बाकायदा पूरे प्रदेश में 400 कैंप की शुरूआत की गई थी. इसके जाने के बाद लाभार्थी महिला या छात्रा के मोबाइल में जनआधार ई-वॉलेट इंस्टॉल किया जाता था. IGSY पोर्टल पर लाभार्थी का केवाईसी होता था. पैन कार्ड पर लिखी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने के बाद लाभार्थी को 3 फॉर्म दिया जाता था. उसे लेकर मोबाइल कंपनी के काउंटर पर जाना होता था. वहां जाने के बाद सिम कार्ड और प्लान पसंद करना होता था.
इसके बाद ये फॉर्म भरने के बाद ये फॉर्म डॉक्यूमेंट्स के साथ IGSY पोर्टल पर अपलोड किया जाता था. इसके बाद लाभार्थी के ई वॉलेट में 6800 रुपए क्रेडिट हो जाता था. इस पैसे से लाभार्थी 6150 रुपए तक का स्मार्टफोन ले सकता था. यदि इससे और ज्यादा महंगा मोबाइल पसंद आता है तो लाभार्थी को बचे हुए रूपए अपनी जेब से देने होते थे.