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India Vs Spain: ओलंपिक में भारत की हॉकी टीम से शान से लहराया तिरंगा, जीता ब्रॉन्ज, कप्तान ने किये इतने गोल

कांस्य पदक के लिए खेले गए मैच में दो हाफ का खेल खेला गया। स्पेन ने भारत के साथ मुकाबले के शुरुआती 30 मिनट में अपना दबदबा बनाए रखा और बेहतरीन ऊर्जा और नियंत्रण का प्रदर्शन किया।

India Vs Spain: ओलंपिक में भारत की हॉकी टीम से शान से लहराया तिरंगा, जीता ब्रॉन्ज, कप्तान ने किये इतने गोल

भारतीय हॉकी टीम ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक में शानदार वापसी की और पुरुषों की स्पर्धा के सेमीफाइनल में जर्मनी से हार के दो दिन बाद ही बहुप्रतीक्षित कांस्य पदक हासिल कर लिया। हरमनप्रीत सिंह की टीम ने शानदार लचीलापन और दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए स्पेन को 2-1 से हराकर खेलों में अपना दूसरा लगातार कांस्य पदक जीता। यह 2024 ओलंपिक में भारत का चौथा पदक था ।

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प्रतियोगिता में टीम का सफर शानदार रहा। भारत अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार जीत भी शामिल थी। फिर, 40 मिनट से अधिक समय तक एक खिलाड़ी से पिछड़ने के बावजूद, भारत ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ यादगार जीत हासिल की। हालाँकि जर्मनी के आखिरी गोल ने भारत की स्वर्ण जीतने की उम्मीदों को खत्म कर दिया, लेकिन टीम की जुझारूपन कम नहीं हुई।

कांस्य पदक के लिए खेले गए मैच में दो हाफ का खेल खेला गया। स्पेन ने भारत के साथ मुकाबले के शुरुआती 30 मिनट में अपना दबदबा बनाए रखा और बेहतरीन ऊर्जा और नियंत्रण का प्रदर्शन किया। स्पेनिश टीम के आक्रामक रवैये और बेहतरीन कब्जे ने भारतीय डिफेंस को लगातार दबाव में रखा और उनके समय पर किए गए अवरोधों ने भारत के हमलावरों को निराश किया।
इन सबमें एक खिलाड़ी का नाम बार-बार आ रहा है, वह खिलाड़ी हैं कप्तान हरमनप्रीत सिंह।

कौन हैं हरमनप्रीत सिंह ?
कप्तान हरमनप्रीत सिंह को कुछ लोग ‘हॉकी का नया जादूगर’ भी कह रहे हैं। लेकिन यहां एक बात जरूर कहनी होगी कि हरमनप्रीत सिंह न सिर्फ टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी हैं बल्कि भारतीय हॉकी की जरूरत भी हैं। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर के जंडियाला गुरु बस्ती में हुआ था। उनके पिता का नाम सरबजीत सिंह है जो पेशे से किसान हैं। हरमनप्रीत बचपन में खेती में पिता की मदद किया करते थे। उस दौरान ट्रैक्टर चलाते थे, जिसके गियर बदलने और स्टीयरिंग कंट्रोल करने का फायदा हरमनप्रीत को हॉकी में हुआ। इससे उनकी कलाई काफी ज्यादा मजबूत हो गई थी। हालांकि, तब वो कहां जानते होंगे कि गियर स्टिक आगे चल कर हॉकी स्टिक में बदलने वाली है।

लेकिन हरमनप्रीत सिंह को हॉकी में दिलचस्पी छोटे पर से ही थी। वो अपने गेम इम्प्रूव करने के लिए जालंधर के सुरजीत एकेडमी चले गए। जहां उनकी मुलाकात गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह जैसे दिग्गजों से हुई, जिन्होंने उनके खेल को तराशा। आपको बता दें, ये दोनों ही दिग्गज पेनल्टी कॉर्नर के स्पेशलिस्ट कहे जाते हैं। इस पूरे प्रकरण के दौरान वो क की नजर में थे। फिर भारतीय जूनियर हॉकी टीम के पूर्व कोच हरिंदर सिंह ने जब हरमनप्रीत सिंह के खेल को देखा, तो कहा कि ‘वो हरमनप्रीत को दो साल में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर बन सकते हैं।’

साल 2011 में जूनियर नेशनल टीम से डेब्यू

हरमनप्रीत सिंह ने सुल्तान जोहोर कप में साल 2011 में जूनियर नेशनल टीम के लिए डेब्यू किया। जहां से उनके प्रोफेशनल सफर की शुरूआत हुई और उन्होंने पीछे पलटकर नहीं देखा। हरमनप्रीत दिग्गज की बात को सही साबित करते हुए मैदान पर गोलों की झड़ी लगाने लगे। हरमनप्रीत ने सुल्तान जोहोर कप में 2014 प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड भी अपने नाम किया। फिर मलेशिया में यूथ टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल कर दागे, जिसके बाद उन्हें 3 मई, 2015 को सीनियर टीम के लिए डेब्यू करने का मौक मिल गया।

हरमनप्रीत सिंह ने टोक्यों ओलंपिक में भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा गोल किए थे। टोक्यो ओलंपिक में हरमनप्रीत ने 6 गोल दागे थे। साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में हरमनप्रीत ने 9 गोल किए थे। भारतीय टीम ने हरमनप्रीत की कप्तानी में एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड फहत किया था, साथ ही एशियन गेम्स में भी हरमनप्रीत सिंह ने भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल किए थे।