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Rahul Dravid: 'सर्कल ऑफ लाइफ' राहुल द्रविड जहां हारे थे, उसी जमीन पर ट्रॉफी जीते, टीम इंडिया के सबसे चहेते कोच को अलविदा

Rahul Dravid: कोहली, तेंदुलकर और द्रविड़ जैसे लोग भारतीय क्रिकेट के लिए अनमोल हैं। ये बात सौरव गांगुली ने हाल ही में एक बातचीत के दौरान कही। उन्होंने ये लाइन विराट कोहली की फॉर्म पर उठे सवाल के जवाब में कही थी। लेकिन इसमें शामिल राहुल द्रविड़ का नाम, जो अब टीम इंडिया के कोच नहीं है, उनके सम्मान में शायद बड़ी नहीं है। अपने समय में ‘द वॉल’ के नाम से पहचान रखने वाले राहुल द्रविड़ ने टीम में खिलाड़ी के तौर पर हिस्सा होने के साथ ही कोच के तौर पर भी अपनी भूमिका बेहद खूबसूरत तरीके से निभाई।

Rahul Dravid: 'सर्कल ऑफ लाइफ' राहुल द्रविड जहां हारे थे, उसी जमीन पर ट्रॉफी जीते, टीम इंडिया के सबसे चहेते कोच को अलविदा
Rahul Dravid

Rahul Dravid: कोहली, तेंदुलकर और द्रविड़ जैसे लोग भारतीय क्रिकेट के लिए अनमोल हैं। ये बात सौरव गांगुली ने हाल ही में एक बातचीत के दौरान कही। उन्होंने ये लाइन विराट कोहली की फॉर्म पर उठे सवाल के जवाब में कही थी। लेकिन इसमें शामिल राहुल द्रविड़ का नाम, जो अब टीम इंडिया के कोच नहीं है, उनके सम्मान में शायद बड़ी नहीं है। अपने समय में ‘द वॉल के नाम से पहचान रखने वाले राहुल द्रविड़ ने टीम में खिलाड़ी के तौर पर हिस्सा होने के साथ ही कोच के तौर पर भी अपनी भूमिका बेहद खूबसूरत तरीके से निभाई। लेकिन राहुल द्रविड को हम सिर्फ खिलाड़ी में भूमिका में बांधकर ही अगर सीमित करें, तो ये गलत होगा।

टीम इंडिया के ड्रेसिंग रुम में कोच पद को लेकर उठे विवाद ने जब विश्व क्रिकेट जगत में सुर्खियां बनाना शुरू कर दिया था। उस समय राहुल द्रविड की टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में एंट्री हुई थी। इंडिया ए टीम को मागर्दशन देने के बाद, राहुल द्रविड को सीनियर टीम के पास भेजा गया। जिसके बाद से अजेय टीम इंडिया, अपनी प्रतिभा के अनुरूप मुकाम हासिल करती गई। एक समय पर जब आलोचको ने ये कहना तक शुरू कर दिया, कि कोच में दम नहीं या कोच बेहद शांत है, तो उसका जवाब भी कार्यकाल खतम होते-होते दे दिया गया। अगर ये कहा जाए कि राहुल द्रविड टीम इंडिया सबसे चहेते कोच रहे हैं, तो शायद गलत नहीं होगा।

जहां मिला था जख्म, वहीं मिला मरहम

वो साल 2007 था, जब राहुल द्रविड टीम इंडिया के कप्तान थे। साल 2007 के वनडे विश्वकप संस्करण का आयोजन वेस्टइंडीज में हुआ था। लेकिन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, विरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, अजीत अगरकर, हरभजन सिंह, जहीर खान और कई दिग्गजों से सजी टीम इंडिया को राहुल द्रविड की कप्तानी में ग्रुप स्टेज से हारकर वापस आना पड़ा था। क्रिकेट जुनून है, लेकिन उस समय फैंस का आक्रोश इतना ज्यादा बढ़ गया था कि टीम को एयरपोर्ट से बेहद सिक्योरिटी के साथ लाना पड़ा था, स्टार क्रिकेटरों के घरों पर पत्थरबाजी हुई थी, उनके खिलाफ सड़कों पर जुलूस निकले थे।

आखिरकार जिताई आईसीसी ट्रॉफी

राहुल द्रविड टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच बने थे। बीते तीन साल में उनकी चोकिंग में टीम इंडिया तीसरी बार आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। लेकिन फिर आखिरकार कोच राहुल द्रविड पूरी टीम को एक-साथ लेकर आए और टीम इंडिया ने ट्रॉफी जीती। वैसे बतौर कोच द्विपक्षीय सीरीज में राहुल द्रविड़ का कार्यकाल शानदार रहा है, 17 द्विपक्षीय सीरीज में से 14 भारत ने जीती है।

यूं ही नही थे राहुल द्रविड...द वॉल

आज की युवा जनरेशन को, डिफेंस कुछ कम समझ में आता है। अटैक को लेकर वो ज्यादा हावी रहते हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा खिलाड़ी हुआ, जो जब खड़ा हो जाए, तो टीम को तोड़ना नामुमकिन हो जाता था, जिसके बाद ही खिलाड़ी का पड़ा...द वॉल। राहुल द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने सभी 10 टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले देशों में शतक लगाए हैं। राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड, वेस्टइंडीज़, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, ज़िम्बाब्वे, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और भारतीय सरजमीं पर शतक लगाने का कारनामा किया है। इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए 10 हजार रनों से अधिक बनाए। इस नंबर पर राहुल द्रविड़ ने 28 शतकों के अलावा 50 बार पचास रनों का आंकड़ा पार किया।

टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा गेंदों का सामना करने का रिकॉर्ड राहुल द्रविड़ के नाम दर्ज है। राहुल द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 31,258 गेंदें खेली हैं। वहीं, भारत के लिए 200 टेस्ट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर 29,437 गेंदों के साथ दूसरे नंबर पर काबिज हैं। इसके बाद साउथ अफ्रीकी दिग्गज जैक कैलिस 28,903 गेंदों के साथ तीसरे नंबर पर है। साथ ही राहुल द्रविड़ ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित ब्रैडमैन ओरेशन सम्मान पाने वाले इकलौते गैर-ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हैं।

टीम के हर खिलाड़ी के दिल में खास जगह

विश्वकप में जीत के बाद खिलाड़ियों ने कोच राहुल की खूब प्रशंसा की। वो चाहे हार्दिक पांड्या हो, रोहित शर्मा हों या विराट कोहली। सभी खिलाड़ियों ने कोच राहुल के होने से ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर साकारात्मक बात कही, जिससे साफ है कि टीम को इससे कितना फायदा मिला है। हम ये कह सकते हैं कि राहुल द्रविड ने सम्मान कमाया है। रोहित शर्मा से लेकर टीम के बाकी खिलाड़ियों तक टीम में हर खिलाड़ी ने राहुल द्रविड की बात सुनी है।