राहुल द्रविड़ ने अपनी फेयरवेल स्पीच में क्या कहा? टीम की इंनसाइड स्टोरी को खूबसूरती से किया बयां
Rahul Dravid Farewell Speech: भारतीय क्रिकेट टीम को टी-20 चैंपियन बनाने वाले कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो चुका है। खिलाड़ी, फैंस और खुद कोच राहुल भी इस मूमेंट पर काफी इमोशनल है।
Rahul Dravid Farewell Speech: भारतीय क्रिकेट टीम को टी-20 चैंपियन बनाने वाले कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो चुका है। खिलाड़ी, फैंस और खुद कोच राहुल भी इस मूमेंट पर काफी इमोशनल है। बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ का फेयरवेल का एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें राहुल द्रविड़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, टी20 वर्ल्ड कप 2022 सेमीफाइनल, वनडे वर्ल्ड कप 2023 फाइनल से लेकर कोविड़ के बाद कैसे टीम में वर्कलोड शिफ्ट करना एक चुनौती था, इन सब के बारे में बात कर रहे हैं...
टीम में अच्छा माहौल बनाना बेहज जरुरी
हम जानते हैं कि जब राहुल द्रविड़ कोच बनाए गए थे, तो उस समय ड्रेसिंग रुम से कोच को लेकर काफी नेगेटिव चर्चाएं चल रही थीं। लेकिन फिर राहुल द्रविड़ ने टीम को संभाला और आज टीम इंडिया विश्व चैंपियन बन गई है। राहुल द्रविड़ ने टीम के अच्छा माहौल बेहद जरुरी है, इसके साथ ही कहा कि वह खिलाड़ियों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाना चाहते हैं और टीम में बहुत अधिक बदलाव नहीं करना चाहते क्योंकि उनका मानना है कि इससे टीम में बहुत अधिक अराजकता पैदा होती है। वो कहते हैं कि मैं एक ऐसी टीम का हिस्सा हूं, जिसकी जिम्मेदारी सही खेल और शानदार माहौल बना रहे, जिसमें विफलता का डर न हो, लेकिन लोगों को आगे बढ़ाने के लिए यह काफी चुनौती हों। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो निरंतरता पसंद करता है और बहुत सी चीजों को बदलना पसंद नहीं करता क्योंकि मेरा मानना है कि इससे बहुत अधिक स्थिरता नहीं आती है और बहुत अच्छा माहौल नहीं बनता है।
नए खिलाड़ियों को मिले मौका
कोच राहुल द्रविड़ ने टीम के साथ ढाई साल से ज्यादा का समय बीताया। इस दौरान कैसे शुरु में उन्हें करीब 6 कप्तानों के साथ काम करना था और एक ही समय पर दो भारतीय टीम विश्व के अलग-अलग हिस्से में खेल रही थी, इसपर अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने कहा कि 'हमने पिछले एक साल में लाल गेंद और सफेद गेंद दोनों तरह के क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों को बहुत सारे अवसर दिए। बहुत से लोगों को टीम में शामिल किया। यह देखकर खुशी हुई कि उन्होंने कितनी जल्दी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ तालमेल बिठाया और इन युवा खिलाड़ियों ने आते ही जिस तरह का प्रदर्शन किया। उनमें से कुछ ने निश्चित रूप से विकास किया और थोड़े समय तक टीम में बने रहे, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे समय में टीम में थे। जब कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी आराम कर रहे थे और मुझे यकीन है कि उन्हें उनके अवसर मिलेंगे। मुझे लगता है कि यह सबसे कठिन काम रहा है। उससे मुझे लगता है कि यह टीम के साथ-साथ रणजी ट्रॉफी और जिस तरह का घरेलू क्रिकेट खेला जा रहा है, उसको भी मदद करेगा'।
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— BCCI (@BCCI) July 6, 2024
A coaching journey with a fitting finish ?
The connections. The environment. The commitment.
Hear it ? from the man who played a pivotal role in the evolution of Indian cricket ?? - By @RajalArora
Thank you, Rahul Dravid ??
द्रविड़ ने कोचिंग जिम्मेदारी पर अपने विचारों पर कहा, 'उनके और कोचिंग स्टाफ के लिए असली चुनौती घरेलू मैदान पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज थी, जिसे इस साल की शुरुआत में मेन इन ब्लू ने 4-1 से जीता था और उन्होंने कहा कि यह उनका 'सर्वश्रेष्ठ काम' था। भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए और केएल राहुल और रवींद्र जडेजा के चोटिल होने और मेन इन ब्लू को सरफराज खान, रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पड्डिकल और आकाश दीप सिंह जैसे युवाओं को डेब्यू का मौका देने के कारण अपना नाम वापस ले लिया था।
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— BCCI (@BCCI) July 2, 2024
The sacrifices, the commitment, the comeback ?
?️ #TeamIndia Head Coach Rahul Dravid's emotional dressing room speech in Barbados ?? #T20WorldCup pic.twitter.com/vVUMfTZWbc
राहुल द्रविड़ ने कहा, 'इस समय घरेलू मैदान पर इंग्लैंड की सीरीज 1-0 से हारने के बाद सीरीज जीतने और फिर चोट और अन्य कारणों से कई खिलाड़ियों को खोने, ग्रुप में आने के लिए कई युवा खिलाड़ियों पर निर्भर रहने और फिर उस सीरीज को 4-1 से जीतने के साथ-साथ यह भी महसूस किया कि कोचिंग स्टाफ और एक समूह के रूप में हमारी परीक्षा हुई और हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मुझे लगता है कि सीरीज के दौरान शायद हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अहसास हुआ। सरफराज खान, ध्रुव जुरेल और देवदत्त पड्डिकल ने भारत के लिए जीत सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेलीं'। द्रविड़ ने अंत में कहा, बेंच पर ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का होना टीम प्रबंधन के लिए एक सपना है, जिसमें हर कोई आगे आकर दिग्गजों की जगह भरने का प्रयास कर रहा है।