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Barabanki News: ऑनलाइन ट्रेडिंग का जाल, कर्नल ने लोन लेकर लगाया पैसा, फिर लग गया 'चूना', पढ़ें पूरी खबर

Cyber Crime News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक सेवानिवृत्त कर्नल फर्जी ट्रेडिंग एप के माध्यम से साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्हें उच्च रिटर्न का झांसा देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई। जानें पूरा मामला। 

Barabanki News: ऑनलाइन ट्रेडिंग का जाल, कर्नल ने लोन लेकर लगाया पैसा, फिर लग गया 'चूना', पढ़ें पूरी खबर

देश में साइबर ठगी का जाल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। आए दिन करोड़ों लोग इसका शिकार होते हैं, एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से साइबर फ्रॉड की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक रिटायर्ड कर्नल को फर्जी ट्रेडिंग एप के जरिए शिकार बना गया और उसने लाखों की ठगी की गई। जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने शेयर मार्केट लाभ के नाम पर कर्नल से लगभग 64 लाख रुपए ऐंठ लिये। जबतक कर्नल को इस बात का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी, हालांकि साइबर सेल ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

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शेयर मार्केट निवेश के नाम पर ठगी

वहीं, साइबर जेल में दी गई शिकायत के मुताबिक, 64 वर्षीय कर्नल डॉ आलोक कुलश्रेष्ठ बाराबंकी में रहते है। वह सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनके साथ ये घटना जुलाई-अगस्त के बीच में हुई। उन्हें व्हाट्सएप पर अलग-अलग नंबर से दो फंर्जी ट्रेडिंग एप से मैसेज आया है। दोनों ग्रुप को नाम   SMIFS मैक्स LSV मैनेजमेंट था। उन्होंने कर्नल को कम पैसों में अच्छे प्रॉफिट का लालच दिया, उन्होंने लाभ देकर हामी भर दी। इसके बाद 16 अगस्त को उन्हें एक ग्रुप में एड किया गया और आनंद सेल्वकेसरी और शालिनी त्रिवेदी ने उनसे संपर्क किया और शेयर मार्केट में इंन्वेस्टमेंट की ट्रेनिंग देने की बात कही। ट्रेनिंग में खास प्लान, यूसी स्टॉक के जरिए मुनाफा कमाने के बारे में बताया गया। 

पहले मुनाफा फिर धोखाधड़ी

ट्रेनिंग के बाद कर्नल ने फोन में एप डाउनलोड किया और केवाइसी रजिस्ट्रेशन कर निवेश करना शुरू किया। इस दौरान उनसे अलग-अलग बैंक खातों में पैसा जमा कराया गये। पहले तो उन्हें खूब प्रॉफिट हुआ,जिससे वह इस पर संदेह नहीं कर पाए। बाद में उन्हें भारी इंवेस्टमेंट पर ज्यादा प्रॉफिट मिलने का झांसा दिया। कर्नल ने लालच में आकर जिंदगीभर की जमापूंजी और बैंक से लगभग कर्ज लेकर 55 लाख का निवेश किया लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो ट्रांजेक्शन रोक दिया गया, सारे ग्रुप खत्म हटा दिये गये। जिसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ।