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यूपी में बाहुबलियों का बोलबाला, किसी के साथ धनंजय तो किसी के साथ राजा भैया, आखिर क्यों जरूरी पड़ा बाहुबलियों का साथ

पूर्वांचल की राजनीति में हलचल तेज हो रही है. यहां बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जिसकी तरफ हर राजनीतिक पार्टी का ध्यान खुद ही जा रहा है.

यूपी में बाहुबलियों का बोलबाला, किसी के साथ धनंजय तो किसी के साथ राजा भैया, आखिर क्यों जरूरी पड़ा बाहुबलियों का साथ

पूर्वांचल की राजनीति में हलचल तेज हो रही है. यहां बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जिसकी तरफ हर राजनीतिक पार्टी का ध्यान खुद ही जा रहा है. दरअसल प्रतापगढ़ के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह पर इस समय हर राजनीतिक पंडित की नजर है. 

राजा भैया और धनजंय सिंह की जरूरत क्यों?
चार चरणों का चुनाव खत्म हो चुका है अब पूर्वांचल की बारी है. पूर्वांचल वैसे तो बीजेपी चुनाव प्रचार में जोर शोर से जुटी है, लेकिन टारगेट ये लेकर चल रही है कि अगर बाहुबलियों का साथ मिला गया, तो वो बड़ा चमत्कार कर सकती है. यही वजह है की बीजेपी धनंजय सिंह और राजा भैया को साने में जुटी थी. लेकिन राजा भैया ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने से साफ मना कर दिया, तो वही धनंजय सिंह ने  बीजेपी को रहात देते हुए समर्थन देने को कहा.

लोकसभा चुनाव के बीच कुंडा के बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने कहा है कि वह किसी भी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वे प्रतापगढ़ और कौशांबी से न तो बीजेपी के प्रत्याशी और न ही इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को समर्थन देंगे. 
वहीं दूसरी ओर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. धनंजय सिंह ने कहा कि मैं बीजेपी का साथ दूंगा. मैंने अपने समर्थकों से कह दिया है. मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हूं. मेरी पत्नी श्रीकला बीजेपी ज्वाइन कर सकती हैं.

धनंजय के इस निर्णय का जौनपुर लोकसभा सीट पर असर पड़ सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से कृपाशंकर सिंह, सपा-कांग्रेस अलायंस ने बाबू सिंह कुशवाहा और बसपा ने श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले बसपा ने इस सीट पर धनंजय की पत्नी श्रीकला को प्रत्याशी बनाया था हालांकि नामांकन के आखिरी दिन मायावती ने प्रत्याशी बदल दिया और श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया.

पूर्वांचल के दो बड़े नेताओं के इस निर्णय का यूपी की तीन लोकसभा सीटों जौनपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी पर असर पड़ सकता है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी जौनपुर छोड़कर बाकी दोनों सीटें जीती थी. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने से इंकार कर दिया है.

राजा भैया के फैसले से इन सीटों पर असर
जौनपुर
प्रतापगढ़
कौशांबी 

लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल के दो बड़े नेताओं- रघुराज प्रताप सिंह और धनंजय सिंह ने अहम सियासी फैसला ले लिया है. दोनों नेताओं के निर्णय का यूपी की तीन लोकसभा सीटों - जौनपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी पर असर पड़ सकता है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जौनपुर छोड़कर बाकी दोनों सीटें जीती थीं.