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क्या बीजेपी से वरुण गांधी का खत्म हो गया फैक्टर ?

दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, क्योंकि यहां पर देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें आती हैं। पहले चरण में सूबे की आठ लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान है। जिसके लिए 80 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। ये आठों सीटें पश्चिमी यूपी की हैं। पश्चिम यूपी से उठने वाला सियासी तापमान पूर्वांचल तक राजनीतिक असर दिखाता है। इस बार जाटलैंड के इलाके में सियासी माहौल एकतरफा नहीं दिख रहा है बल्कि हर सीट की अपनी अलग लड़ाई है। कहीं एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच फाइट है तो कहीं पर बसपा के चलते त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है।

क्या बीजेपी से वरुण गांधी का खत्म हो गया फैक्टर ?

दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, क्योंकि यहां पर देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें आती हैं। पहले चरण में सूबे की आठ लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान है। जिसके लिए 80 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। ये आठों सीटें पश्चिमी यूपी की हैं। पश्चिम यूपी से उठने वाला सियासी तापमान पूर्वांचल तक राजनीतिक असर दिखाता है। इस बार जाटलैंड के इलाके में सियासी माहौल एकतरफा नहीं दिख रहा है बल्कि हर सीट की अपनी अलग लड़ाई है। कहीं एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच फाइट है तो कहीं पर बसपा के चलते त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है।

वरुण गांधी की जगह पीलीभीत लोकसभा सीट से जितिन प्रसाद को बीजेपी का टिकट दिया गया है। उम्मीदवारों की सूची में अपनी जगह यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद का नाम देखने के बाद वरुण गांधी ने पीलीभीत को बाय बोल दिया था। वरुण गांधी ने भी पीलीभीत के लोगों के नाम वैसी ही इमोशनल चिट्ठी लिखी, जैसी सोनिया गांधी ने रायबरेली छोड़ कर राज्यसभा चले जाने के बाद लिखी थी।

मोदी की पीलीभीत रैली में वरुण गांधी को ज्यादातर निगाहें खोज रही थीं। खासकर उनकी मां मेनका गांधी के बयान के बाद, जिसमें उनसे वरुण गांधी को टिकट न दिये जाने को लेकर उनकी राय पूछी गई थी। मेनका गांधी को बीजेपी ने इस बार भी सुल्तानपुर से ही लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है।  मोदी की रैली में हर जगह की तरह पीलीभीत में भी निशाने पर कांग्रेस ही रही। राम मंदिर आंदोलन से लेकर हिंदू धर्म में शक्ति को लेकर राहुल गांधी के बयान तक। मोदी की शक्ति पूजा पीलीभीत में भी देखी गई।

पीलीभीत से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने बीजेपी के तमाम कार्यक्रमों से दूरी बनाई हुई है वो न तो किसी जनसभा में दिख रहे हैं और न ही उनका कोई बयान आया है। इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का बयान आया है। "मुझे उसकी जानकारी नहीं है। पीएम मोदी के कार्यक्रम में सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बड़ी संख्या में लोग पीएम मोदी का स्वागत किया। पार्टी सबके लिए कुछ न कुछ काम सोचती है।"

वरुण गांधी कई मौकों पर अपनी पार्टी और सरकार की लाइन के विपरीत खड़े नजर आए। नए कृषि कानूनों से लेकर कोरोना तक, कई मौकों पर वरुण ने अपनी ही सरकार के विरोध में नजर आए और केंद्र-राज्य सरकारों को घेरा भी। 2017 चुनाव से पहले 2016 में बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक से पहले प्रयागराज में 'न अपराध, न भ्रष्टाचार। अबकी बार बीजेपी सरकार' के पोस्टर लगे थे। पार्टी ने इसे वरुण गांधी की ओर से खुद को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश साथ ही कैडर पॉलिटिक्स के खिलाफ माना।