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यूपी में विधानसभा उपचुनाव में ये सीट है साख का सवाल, जो गृह मंत्री शाह न कर पाए क्या वो कर पाएंगे सीएम योगी ?

लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अब आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी कोई भी कसर छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है।

यूपी में विधानसभा उपचुनाव में ये सीट है साख का सवाल, जो गृह मंत्री शाह न कर पाए क्या वो कर पाएंगे सीएम योगी ?

बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा । जहां अच्छे प्रशासक और बेहतर कानून व्यवस्था के दावों के बावजूद BJP को अनुमान के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं और BJP 33 सीट पर अटक गई। लेकिन अब बारी यूपी में विधानसभा उपचुनाव की है, जोकि बीजेपी के साथ का सवाल है।

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सीएम की टीम ‘स्पेशल 30’ तैयार
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अब आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी कोई भी कसर छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है। इसी के चलते कानपुर की सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी बूथों पर बीजेपी ने जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ पदाधिकारियों को तैनात कर दिया है। जिसमें सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, मेयर और पार्षदों के साथ जिले और मंडल के पदाधिकारियों की सूची भी बना ली गई है। उनके नाम की जानकारी इस सीट के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना को भेज दी गई है।आने वाले समय में जल्द ही सुरेश खन्ना इन सभी लोगों के साथ बैठक करेंगे। बीते लोकसभा चुनाव में जो निष्क्रिय कार्यकर्ता थे। उन सभी को इस बार कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी ।

बीजेपी जिला अध्यक्ष ने दी जानकारी
बीजेपी जिला अध्यक्ष दीपू पांडे ने बताया कि सीसामऊ विधानसभा सीट को जीतने के लिए उत्तर और दक्षिण जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को बूथों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। वहीं क्षेत्र के तीनों मंडलों की जिम्मेदारी जिले के तीन महामंत्रियों को भी सौंपी गई है । जिससे वहां होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

सपा का किला ढहा पाएगी बीजेपी ?
विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी सीसामऊ सीट पर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अभी तक इस सीट को सपा का गढ़ माना जाता रहा है। विधानसभा चुनावों में इस सीट के लिए गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के कई हाईप्रोफाइल नेताओं ने जहां प्रचार में अपनी ताकत फूंकी, लेकिन बीजेपी सपा के किले को ढहा नहीं सकी । सपा विधायक इरफान को सजा हुई, ऐसे में ये सीट खाली हो गई और अब सपा के लिए पैदा हुई ऐसी विपरीत परिस्थितियों का फायदा बीजेपी जरूर उठाना चाह रही है ।