राजपूत-क्षत्रिय BJP से नाराज? यूपी, राजस्थान टू गुजरात नाराज राजपूत समाज? राजपूत समुदाय ने कर ली BJP को हराने की तैयारी?
देश में पहले, दूसरे चरण का मतदान हो गया. कई नेताओं के भाग्य का फैसला EVM में कैद हो गया है. लेकिन इसी बीच एक वर्ग की नारजगी ने 2024 के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है और बीजेपी के लिए टेंशन का मीटर अप हो गया है. चुनाव से ऐनवक्त पहले बीजेपी का कोर वोटर कहे जने वाले क्षत्रिय समाज यानी राजपूत बीजेपी से नराज हो गए और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है. गुजरात के राजकोट से बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के विवादित बयान के बाद से राजपूत समाज भड़क गया और उनका गुस्सा राजस्थान होते हुए यूपी पहुंच गया. बताया जा रहा है भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे. क्षत्रिय समुदाय के नेताओं ने घोषणा की है कि बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला की उम्मीदवारी रद्द नहीं कर रही है, तो कोई भी बीजेपी को वोट नहीं देगा.
देश में पहले, दूसरे चरण का मतदान हो गया. कई नेताओं के भाग्य का फैसला EVM में कैद हो गया है. लेकिन इसी बीच एक वर्ग की नारजगी ने 2024 के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है और बीजेपी के लिए टेंशन का मीटर अप हो गया है. चुनाव से ऐनवक्त पहले बीजेपी का कोर वोटर कहे जने वाले क्षत्रिय समाज यानी राजपूत बीजेपी से नराज हो गए और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है. गुजरात के राजकोट से बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के विवादित बयान के बाद से राजपूत समाज भड़क गया और उनका गुस्सा राजस्थान होते हुए यूपी पहुंच गया. बताया जा रहा है भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे. क्षत्रिय समुदाय के नेताओं ने घोषणा की है कि बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला की उम्मीदवारी रद्द नहीं कर रही है, तो कोई भी बीजेपी को वोट नहीं देगा.
क्षत्रिय समाज का ऐलान...BJP क्यों परेशान? पश्चिमी यूपी का रण..क्षत्रियों का क्या है मन?
गुजरात में लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के तहत 25 लोकसभा सीटों पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे. इसके लिए राज्य में चुनाव प्रचार जोर पकड़ा चुका है. राज्य में क्षत्रियों के आंदोलन की आंच का सामना कर रही बीजेपी, जहां डैमेज कंट्रोल में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राजकोट से कैंडिडेट परषोत्तम रूपाला ने फिर एक बार अपने बयान पर माफी मांगी है. रूपाला ने प्रचार के दौरान एक सभा में कहा कि मुझसे गलती हो गई, 18 घंटे देश की सेवा करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्षत्रिय समाज का खड़ा होना ठीक नहीं है.
क्षत्रिय समुदाय कर रहा विरोध
23 मार्च से क्षत्रिय समाज विरोध कर रहा है. क्षत्रिय समाज ने BJP से रूपाला की टिकट वापस लेने की मांग की है. बीजेपी ने रूपाला की टिकट वापस नहीं ली थी. नामांकन प्रक्रिया के बाद गुजरात में क्षत्रिय समाज की तरफ से रथ रवाना किए गए. क्षत्रिय समाज पिछले कई दिनों से अलग-अलग तरीके से विरोध भी जता रहा. परषोत्तम रूपाला ने फिर एक बार माफी मांगी है.
क्षत्रिय समुदाय के लगातार विरोध के बाद भी परषोत्तम रूपाला ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया. उसके बाद से गुजरात में क्षत्रिय समुदाय धर्म रथ निकालकर, भगवे झंडे के साथ बीजेपी के सभी उम्मीदवारों का विरोध कर रहा है. क्षत्रिय पुरुष बीजेपी की सभाओं में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं. क्षत्रिय महिलाएं रूपाला के विरोध में उपवास कर रही हैं.
परषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समुदाय से मांगी माफी
आप अपने राष्ट्र के योगदान को याद करें, बीजेपी के विकास में भी आपका बड़ा योगदान याद रहा है. 18 घंटे काम कर करने वाले पीएम मोदी जब देश के अलावा कुछ ना सोच रहे हों, 140 करोड़ लोगों को अपना परिवार समझते हों, पीएम मोदी की विकास यात्रा में अनेक क्षत्रिय साथ रहे हैं, तो उनका विरोध मेरी वजह से क्यों? मेरी गलती मैं स्वीकार करता हूं. लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ क्षत्रिय समुदाय को खड़ा कर देना मुझे सही नहीं लगता. पीएम के खिलाफ दर्शाए जा रहे आक्रोश को लेकर पुनर्विचार करें.
हालांकि बीजेपी के डैमेज कंट्रोल की तमाम कोशिशों के बावजूद गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में क्षत्रिय समुदाय में गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में इन राज्यों में भाजपा के खिलाफ समुदाय की ओर से नियमित विरोध प्रदर्शन देखा गया है. बताया जाता है कि भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे. बता दें कि क्षत्रिय समुदाय के लगातार विरोध के बाद भी परषोत्तम रूपाला ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया. उसके बाद से गुजरात में क्षत्रिय समुदाय धर्म रथ निकालकर, भगवे झंडे के साथ बीजेपी के सभी उम्मीदवारों का विरोध कर रहा है.
परषोत्तम रूपाला से क्यों नाराज है क्षत्रिय समुदाय?
परषोत्तम रूपाला पाटीदार समुदाय से आते हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्व क्षत्रिय शासकों के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद समुदाय उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. सोशल मीडिया पर 23 मार्च को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रूपाला को राजकोट में एक दलित कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाया गया. वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया, 'अंग्रेजों ने हम पर राज किया. उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी. राजा भी झुक गये. राजाओं ने उनके अंग्रेजों साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की शादी उनसे की. लेकिन हमारे रुखी (दलित) समुदाय ने न तो अपना धर्म बदला और न ही अंग्रेजों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए, जबकि उन पर सबसे अधिक अत्याचार हुआ.' उनके इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों ने उग्र रोष व्यक्त किया.
अब देखना होगा क्षत्रिय समुदाय का गुस्सा 2024 के चुनाव में क्या असर डालता.