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इंदिरा, सोनिया के बाद राहुल ने रायबरेली को क्यों चुना, प्रियंका ने क्यों नहीं भरी हामी, जानें इस रिपोर्ट में सबकुछ

सोनिया गांधी पहली बार रायबरेली में 2004 में चुनाव लड़ीं और तब से 2019 तक लगातार चुनाव जीतती रहीं। सपा सोनिया गांधी के समर्थन में उम्मीदवार नहीं उतार रही थी। इस बार 2024 में सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि अब वे राज्यसभा के लिए चुन ली गई हैं।

इंदिरा, सोनिया के बाद राहुल ने रायबरेली को क्यों चुना, प्रियंका ने क्यों नहीं भरी हामी, जानें इस रिपोर्ट में सबकुछ
रायबरेली से राहुल और अमेठी से KL शर्मा को टिकट

लोकसभा इलेक्शन 2024 के लिए रायबरेली की तस्वीर साफ हो गई है। रायबरेली जिले में बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार और सलोन छह विधानसभा सीटे हैं। इन सभी पर सपा-बीजेपी का कब्जा है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। अब राहुल गांधी से लेकर केएल शर्मा तक सीट की अनाउंसमेंट हो चुकी है। इंदिरा गांधी के बाद राहुल गांधी ने रायबरेली को क्यों चुना इस सीट को, प्रियंका ने क्यों नहीं भरी हामी, इस रिपोर्ट में जानिए सबकुछ, क्या कहते हैं आंकड़े और जीत का क्या रहा सिलसिला....

किस वर्ग के सबसे ज्यादा मतदाता?

रायबरेली में सबसे ज्यादा एससी वर्ग (दलित), ब्राह्मण और राजपूत मतदाताओं की आबादी है। यहां पर ब्राह्मण 11 प्रतिशत, ठाकुर 9 प्रतिशत, यादव 7 प्रतिशत, एससी वर्ग 34 फीसद हैं। जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या 6 फीसदी है। वहीं, लोध-6, कुर्मी-4 और अन्य वर्गों की कुल 23 प्रतिशत आबादी है।

2004 से लगातार जीत रही हैं सोनिया गांधी

सोनिया गांधी पहली बार रायबरेली में 2004 में चुनाव लड़ीं और तब से 2019 तक लगातार चुनाव जीतती रहीं। सपा सोनिया गांधी के समर्थन में उम्मीदवार नहीं उतार रही थी। इस बार 2024 में सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि अब वे राज्यसभा के लिए चुन ली गई हैं।

कौन हैं केएल शर्मा?

केएल शर्मा को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में लंबे समय से केएल शर्मा ही कामकाज देख रहे हैं। केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है। पंजाब के रहने वाले किशोरी लाल शर्मा पहली बार 1983 में राजीव गांधी के साथ अमेठी पहुंचे थे। उसके बाद से वो लगातार कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब इस सीट से गांधी परिवार के सदस्य चुनाव नहीं लड़ते थे, फिर भी केएल शर्मा यहां कांग्रेस पार्टी के जो भी सांसद होते थे, उनके लिए कार्य करते रहे थे। इसके बाद सोनिया के सांसद बनने के बाद से उनके संसद प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं।

2019 में इतने थे मतदाता

इससे पहले 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां पर 779813 मतदाता थे जिनमें से 870954 पुरुष और 779813 महिला मतदाता थे।

2019 में कौन जीता था चुनाव?

रायबरेली कांग्रेस का कई वर्षों से गढ़ रहा है। इस सीट से गांधी परिवार लंबे समय से चुनाव लड़ता रहा है। सोनिया गांधी इस सीट से लंबे समय से सांसद हैं। 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी ने बीजेपी  के दिनेश सिंह को डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से हराया था। सोनिया को कुल 5,34,918 मिले थे।

2014 में कौन जीता था चुनाव?

2014 के लोकसभा चुनाव में सोनिया ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। सोनिया को करीब 63 प्रतिशत मत यानी  5,26,434 वोट मिले थे। बसपा तीसरे नंबर पर थी। सपा ने उम्मीदवार नहीं उतारा था।

साल 2014-2019 में कब हुए थे चुनाव?

रायबरेली में 2019 में लोकसभा चुनाव 6 मई को पांचवे चरण में हुए थे। चुनाव आयोग ने सात चरणों में मतदान कराए थे। जबकि 2014 में यहां पर लोकसभा चुनाव 30 अप्रैल को हुआ था।

2014-19 में कब जारी हुए थे रिजल्ट?

साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना 23 मई को हुई थी। रायबरेली में इसी दिन चुनाव के नतीजे आ गए थे। वहीं, 2014 में  16 मई को रिजल्ट घोषित किए गए थे।