BJP की 400 प्लस की राह में अटक रहा कौन सा रोड़ा! पश्चिमी यूपी से लेकर राजस्थान तक शोर
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी वोटरों को बता रही है कि वे 2024 को जीत चुकी है। उसका टारगेट तो 2029 है। ऐसे में सवाल यह है कि बीजेपी ने इस बार जो 400 पार का टारगेट सेट किया है, क्या वे उसे हासिल कर सकती है या क्या उसकी रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है? और अगर हां तो वे स्पीड ब्रेकर कौन हैं?
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी वोटरों को बता रही है कि वे 2024 को जीत चुकी है। उसका टारगेट तो 2029 है। ऐसे में सवाल यह है कि बीजेपी ने इस बार जो 400 पार का टारगेट सेट किया है, क्या वे उसे हासिल कर सकती है या क्या उसकी रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है? और अगर हां तो वे स्पीड ब्रेकर कौन हैं?
पूरा देश इस समय चुनावी मोड में है। जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक राजनीतिक पार्टिंयां एक्शन में हैं और चुनाव जीतने की कोशिश में जुटी हैं। इसके लिए वे जमकर प्रचार-प्रसार भी कर रही हैं। इस बीच चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने ऐसी छवि बना ली है, मानो जैसे चुनाव में उसकी ही जीत होगी और बीजेपी की ही सरकार बनेगी। वोटर को विश्वास दिलाया जा रहा है कि विरोधियों को चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिल रहे हैं। बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है।
यूपी का जातीय समीकरण
लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीट जीतने का दावा कर रही है। हालांकि, उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यूपी में ही है, जहां उसे ठाकुरों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी से नाराज चल रहे ठाकुरों ने बीजेपी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं जगह-जगह बीजेपी के प्रत्याशियों को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है।
मुस्लिम वोटरों को साधने की तैयारी
2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मिशन 400 पार का टारगेट सेट किया है और इस टारगेट को प्राप्त करने के लिए बीजेपी ग्रास रूट लेवल पर तैयारी कर रही है। जीत की राह में रोड़ा बनने वाली परेशानियों को दूर करने की कोशिशें हो रही हैं। मिशन 400 प्लस की तैयारी में जुटी बीजेपी बुर्के वाली फौज बना रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहा है। खासतौर से इन्हें चुनावी ड्यूटी के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
वीके सिंह का टिकट कटा
यूपी में बीजेपी ने 70 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी को अब 10 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करना है। बीजेपी ने इस बार गाजियाबाद के 2 बार के सांसद रिटायर जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया। यहां पीएम मोदी खुद रैली कर चुके हैं और सीएम योगी भी गाजियाबाद के कई दौरे कर चुके हैं। इसके बावजूद यहां बीजेपी का विरोध हो रहा है। नाराज लोगों को मनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मंत्रियों ने मोर्चा संभाल रखा है।
क्या है सियासी समीकरण?
गाजियाबाद से बीजेपी ने अतुल गर्ग, कांग्रेस ने डॉली शर्मा और बीएसपी ने नंद किशोर को मैदान में उतारा है। गाजियाबाद का सियासी समीकरण देखें तो यहां 23 फीसदी मुस्लिम, 15 प्रतिशत दलित, 10 प्रतिशत वैश्य, 9 पर्सेंट राजपूत, 9 प्रतिशत त्यागी और 7 फीसदी जाट समुदाय है। वीके सिंह के टिकट कटने से ठाकुर समाज बीजेपी के सामने चुनौती बन गया है।
बरेली सीट पर बीजेपी की मुश्किल
बीजेपी इस बार बरेली से 8 बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काट दिया है। जिससे उनके समर्थक बीजेपी से नाराज हो गए। हालात इतने बिगड़े की नाराज समर्थकों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बंधक बना लिया। बीजेपी ने इस बार बरेली से छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा है।
राजस्थान का कुल मतदाता
राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव के तहत पहले चरण में जिन 12 सीटों पर मतदान होना है वहां 2.54 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इन मतदाता सूचियों में कुल 2,54,29,610 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। जिनमें से 1,14,069 सर्विस वोटर हैं। सामान्य मतदाताओं की कुल संख्या 2,53,15,541 हैं, जिनमें 1,32,89,538 पुरुष, 1,20,25,699 महिलाएं एवं 304 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इस चुनाव में 18 से 19 वर्ष की उम्र के 7,98,520 नव मतदाता लोकसभा चुनाव में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इन क्षेत्रों में कुल 2,51,250 दिव्यांग मतदाता हैं।