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कांग्रेस ने क्यों किया ऐसा काम जिसका मजाक बना रही बीजेपी,अमेठी और रायबरेली पर देखिए हमारी खास रिपोर्ट...

अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस ने सस्पेंस खत्म कर दिया है, इस बार कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से राहुल गांधी की जगह गांधी परिवार के करीबी और सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के एल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है वहीं रायबरेली सीट से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है साथ ही चुनावी कार्यालय का उद्घाटन भी कर दिया गया है बीजेपी कांग्रेस के इस फैसले पर चुटकी ले रही है।

कांग्रेस ने क्यों किया ऐसा काम जिसका मजाक बना रही बीजेपी,अमेठी और रायबरेली पर देखिए हमारी खास रिपोर्ट...

अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस ने सस्पेंस खत्म कर दिया है, इस बार कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से राहुल गांधी की जगह गांधी परिवार के करीबी और सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के एल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है वहीं रायबरेली सीट से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है साथ ही चुनावी कार्यालय का उद्घाटन भी कर दिया गया है बीजेपी कांग्रेस के इस फैसले पर चुटकी ले रही है।

जब राहुल गांधी हार गये थे चुनाव

कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन इस सीट के लिए उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने केएल शर्मा को अमेठी से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। यह सीट राहुल गांधी 2019 के आम चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे।

गांधी परिवार के चाण्क्य है के एल शर्मा

केएल शर्मा मूलत: लुधियाना के निवासी हैं और लंबे समय से गांधी परिवार के करीबी रहे हैं। अभी तक अमेठी और रायबरेली में वही चुनावी रणनीति बनाने और संचालित करने का काम करते आए हैं। रायबरेली का जिम्मा तो वह अब तक पूरी तरह उठाते ही रहे हैं लेकिन अबकि उन्हे अमेठी की जिम्मेदारी भी मिल गई है। अमेठी में जरूर पिछले दो चुनाव उनके बजाय भोपाल निवासी राहुल के करीबी नेता चंद्रकांत दूबे कमान संभालते रहे हैं। हालांकि, वह इस बार नहीं दिख रहे। किशोरी लाल को सोनिया के लिए चाणक्य का किरदार निभाने वाला माना जाता है।

राहुल का सामना दिनेश प्रताप सिंह से

रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश सिंह को चुनाव मैदान उतारा गया है। वहीं अमेठी लोकसभा सीट से स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रहीं हैं। पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा लिस्ट जारी किए जाने के बाद स्पष्ट हो गया कि राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे जबकि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय केवल प्रचार करेंगी।

20 मई को होगा चुनाव

उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा का इंतज़ार और सस्पेंस आखिरकार आज खत्म हो गया है। कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा को चुनावी मैदान में उतार दिया है।अब तक इन दोनों ही नामों पर महज अटकलें ही लगाई जा रही थी, नामांकन के आखिरी दिन की सुबह कांग्रेस ने इन दोनों के नामों पर मुहर लगा दी है। इस सीट पर 20 मई को चुनाव होगा। जबकि नामांकन की आखिरी तारीख आज 3 मई को रही जो आज खत्म हो गई। बता दें कि अमेठी, गांधी परिवार का गढ़ रहा है। इन सीटों पर राहुल का सामना BJP के प्रत्याशी दिनेश प्रताप और केएल शर्मा का मुकाबला बीजेपी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी से होगा।

अमेठी से तीन बार राहुल चुने गये सांसद

बता दें कि अमेठी सीट से राहुल गांधी 3 बार सांसद चुने गए थे। लेकिन साल 2019 को उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बारे उन्हें रायबरेली से प्रत्याशी बनाया गया है। अमेठी सीट से स्मृति ईरानी 29 अप्रैल को नामांकन फॉर्म भर चुकी हैं। इस बार कांग्रेस ने राहुल की सीट बदल दी है। इस बार इन सीटों में मुकाबला बेहद रोचक होगा। केएल शर्मा सोनिया गांधी के करीबी मानें जाते हैं। वे रायबरेली सांसद प्रतिनिधि रह चुके हैं।

कांग्रेस दिखाना चाहती है दम

अमेठी लोकसभा सीट से जिस तरह कांग्रेस ने के एल शर्मा को प्रत्याशी बनाया उसेस ये साफ है कि कांग्रेस यूपी की राजनीति में अपना अलग ही दम दिखाना चाहती है, शायद कांग्रेस का ये मानना है कि कांग्रेस का एक अदना सा कार्यकर्ता ही बीजेपी के किले को भेद सकता है उसके लिये युवराज को मैदान में आने की जरुरत नहीं है इसीलिए कांग्रेस ने के एल शर्मा को टिकट देकर ये कार्यभार उनपर सौंप दिया है।

रायबरेली में राहुल संभालेंगे राजनीतिक विरासत

रायबरेली से शायद राहुल गांधी ने इस बार चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया क्योकि उनकी मां ने इस बार ये सीट छोड़ दी थी और इस सीट पर आजादी के समय से ही गांधी परिवार का दबदबा रहा है इस सीट से गांधी परिवार की कई हस्तियों ने चुनाव जीता और लोकसभा पहुंचे, सोनिया ने इस बार इस सीट को छोड़कर राज्यसभा को रुख किया तो ये खाली हो गई शायद इसीलिये राहुल इस सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हो गये। इतना ही नहीं इस सीट का ये भी इतीहास रहा है कि जब जब गांधी परिवार से यहां चुनाव नहीं लड़ा गया तब तब पार्टी यहां चुनाव हार गई है।

बीजेपी कस रही तंज

राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर बीजेपी तंज कस रही लोकिन कांग्रेस ने अभी तक इस बारे में कोई भी बयान नहीं दिया है बीजेपी का कहना है कि राहुल ने हार के डर से रायबरेली का रुख किया वहीं पेम मोदी समेत कई दिग्गज नेतों ने अपने अपने हिसाब से बयान दिया, बीजेपी का कहना है कि राहुल डर कर भाग रहे हैं लोकिन कांग्रेस की रणनीति कुछ और ही कह रही है।