World News: दूसरा पाकिस्तान बन रहा बांग्लादेश ! हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर क्या करेगा भारत, पढ़ें पूरी खबर
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों, तख्तापलट और शेख हसीना की भारत यात्रा की पूरी जानकारी। जानें पाकिस्तान और चीन की भूमिका, भारत की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर क्या है ताज़ा अपडेट।
एक तरफ चीन तो दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत की मुश्किलें बढ़ा रहे थे कि अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट की खबर सामने आई। शेख हसीना के आवास से लेकर ऑफिस तक लोगों की भीड़ थी। सेना जनता के साथ खड़ी थी, शेख हसीना के पास जान बचाने के लाले थे। ऐन मौके पर वह खास विमान से भारत आईं लेकिन बांग्लादेश में हिंसा का दौर नहीं थमा। बांग्लादेश पीएम के खिलाफ शुरू हुआ ये मामला अब हिंदू-मु्स्लिम हो गया था। भारत के पड़ोसी राज्य में पाकिस्तानी की तरह 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है। हिंदू लोगों को निशाना बनाया जाने लगा, उनके घर तोड़ दिये गए, सैकड़ों मंदिर जला दिये। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुए जिसने सभी को हिलाकर रख दिया, खुद पीएम ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर रिएक्शन दिया लेकिन लोकतंत्र और मानवता की बात करने वाला अमेरिका बिल्कुल शांत रहा लेकिन इस बारे में पूरा यूरोप शांत था तो आवाज उठाई डोनाल्ड ट्रंप ने। उन्होंने इस बारे में खुलकर बात की लेकिन इसके बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कोई कदम नहीं उठाये आज भी वहां, हिंदुओं का नरसंहार जारी है।
पाकिस्तान के रास्ते में बांग्लादेश
इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो बांग्लादेश को आजादी दिलाने में भारत का अहम रोल था। अगर भारत सरकार बांग्लादेश की मदद न करती तो आज बांग्लादेश न होता पर बावजूद इसके बांग्लादेश में एंटी इंडिया सेंटिमेंट बढ़ता जा रहा है। आम जनता क्या सरकार से लेकर न्यायालय तक बांग्लादेश को इस्लामिक देश बनाने की मांग कर रहे हैं, इसी बीच बांग्लादेशी हिंदुओं में डर तब और बढ़ गया जब इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताकर अरेस्ट कर लिया गया। मामला बढ़ा तो हिंदुओं ने प्रदर्शन किया।
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां न्यायालय बिना किसी सबूत उन्हें जेल में डालने का आदेश देती है। गौरतलब है, कृष्ण दास इस्कॉन से जुड़े हुए हैं। जिसके बाद ॉबांग्लादेश में इस्कॉन रक बैन करने की मांग तेज हो। बात बिगड़ती है तो इस्कॉन फाउंडनेशन यूनाइटेड नेशन को मामले में दखल देने के लिए पत्र लिखता है। ये चीजें हो रही थीं कि दूसरी ओर भारत सरकार एक्शन मोड में गई, भारत सरकार ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम पर हम पूरी नजर बनाये हुए हैं। जिस तरह के हिंदुओं पर हमले किये जा रहे हैं, इसे रोकने की जरूरत है। भारत के रूख पर बांग्लादेश की तल्ख प्रतिक्रिया आती है, हमारे आंतरिक मामलों में भारत दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।
बांग्लादेश में घटती हिंदुओं की संख्या
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कभी भी हिंदुओं पर हो रहे हमलों की बात स्वीकार नहीं की,यहां तक सरकारी पदों से हिंदुओं कर्मचारियों की नौकरी छीन ली गई। नवरात्रि-दिवाली जैसा त्योहार माने मनाने की धमकी दी गई। भले ह्यूमन राइट्स की दुहाई देने वाला अमेरिका आंख बंद करके बैठा हो लेकिन आंकड़े बताते हैं, इस देश में अल्पसंख्यक हिंदू को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं 1971 में बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या 22 फीसदी के करीब थी जो 2023 तक 8 फीसदी पर आ गई। जबकि 2008-2023 के बीच 11.3 मिलियन हिंदू बांग्लादेश छोड़कर अन्य देशों में गये हैं। यानी हर साल लगभघ दो लाख से ज्यादा हिंदू बांग्लादेश छोड़ रहे हैं।
पाकिस्तान की तरह भारत के लिए खतरा बना बांग्लादेश !
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ सामरिक और राजनीतिक संबंध मजबूत किए हैं। इस बदलाव ने भारत के लिए भू-राजनीतिक और रणनीतिक चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।बांग्लादेश भारत का प्रमुख सहयोगी है, जिसकी सीमा भारत के असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और पश्चिम बंगाल को छूती है। इसकी भौगोलिक स्थिति दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक पुल का काम करती है। ‘एक्ट ईस्ट नीति’ में बांग्लादेश भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। राजनीतिक रिश्तों के अलावा भारत की सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार बढ़ने और पाकिस्तानी जहाजों की आवाजाही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और सुरक्षा पर गलत प्रभाव डाल सकती है। चीन बांग्लादेश का प्रमुख रक्षा सहयोगी है और म्यांमार के साथ उसकी साझेदारी भारत के लिए चिंता का विषय है। म्यांमार की अस्थिरता, पाकिस्तान के साथ बढ़ते सैन्य संबंध और चीन-म्यांमार आर्थिक कॉरिडोर भारत के लिए नई चुनौतियां पेश करते हैं।
बांग्लादेश के मुद्दे पर क्या करेगा भारत?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार भारत पर हावी होने की कोशिश कर रही है। उसने पाकिस्तान और चीन का पूरा साथ मिल रहा है। ऐसे में ये चिंता का विषय है। भारत को बांग्लादेश के खिलाफ कदम उठाना होगा लेकिन अपने निवेश और परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए। बांग्लादेश में भारत ने करोड़ों का निवेश किया है। ऐसे में कूटनीतिक और सामरिक जुड़ाव से फैसला लेने की जरूरत है। ताकि हिंदुओं की सुरक्षा के मुद्दे के साथ वह बांग्लादेश की गीदड़ भभकी का भी जवाब दिया जा सके।