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Ukraine-Russia War: जारी जंग में यूक्रेन की जवान भर्ती कानून पर घमासान, जानिए क्या है कानून?

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरह रूस विरोधी को घुटने पर लाना चाह रहा है, तो दूसरी तरह यूक्रेन भी किसी भी मामले में पीछे नहीं रह रहा है। दुनिया भर के तमाम नेता इस पर चिंता जता चुके हैं, विश्व का शायद ही कोई ऐसा मंच हो, जहां इस पर बात न हुई हो। लेकिन अब एक नया मामला चर्चा में आ गया है। दरअसल, यूक्रेन ने फिर से उठ खड़े होने की योजना बना ली है, जोकि वहां के ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आ रही है। 

Ukraine-Russia War: जारी जंग में यूक्रेन की जवान भर्ती कानून पर घमासान, जानिए क्या है कानून?
fight over Ukraine's soldier recruitment law

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरह रूस विरोधी को घुटने पर लाना चाह रहा है, तो दूसरी तरह यूक्रेन भी किसी भी मामले में पीछे नहीं रह रहा है। दुनिया भर के तमाम नेता इस पर चिंता जता चुके हैं, विश्व का शायद ही कोई ऐसा मंच हो, जहां इस पर बात न हुई हो। लेकिन अब एक नया मामला चर्चा में आ गया है। दरअसल, यूक्रेन ने फिर से उठ खड़े होने की योजना बना ली है, जोकि वहां के ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आ रही है। 

सैनिकों की कमीं के चलते आया कानून

सेना में अनिवार्य भर्ती के तौर-तरीकों को तय करने से जुड़े एक विवाद में रहे कानून को यूक्रेन संसद ने मंजूरी दे दी है।  आपको बता दें कि सांसदों ने भी इस कानून को लेकर लंबे समय तक टाल मटोल रवैया अपनाया हुआ था। 

राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने बीते साल दिसंबर में कहा कि यह कानून यूक्रेन की सेना की मांग के बाद लाया गया है। जिससे करीब 5 लाख से ज्यादा सैनिकों जुटेंगे। यूक्रेन और रूस की जंग के बाद देश में सैनिकों की कमी हो गई है। नए कानून पर देश के लोगों ने रुचि नहीं दिखाई, फिर ये कानून तब पारित हुआ है जब यूक्रेन का एनर्जी स्ट्रक्चर हालिया हफ्ते में रूस के हमलों में तबाह हो चुका है। 

क्या है ये कानून?

रूस और यूक्रेन जंग के बाद ये कानून लाया गया है। जिससे यूक्रेन के प्राधिकारियों के अधिकारों में इजाफा होगा, जिससे वर्तमान में जो सिस्टम है, उसमें कई बदलाव होंगे। यह प्रावधान, युद्ध मोर्चे पर तैनाती के 36 महीने बाद सोल्जर को और फिर सर्विल में भेजा जाना तय है। 

इस कानून के लिए, सेना प्रमुख अलेक्ज़ेंडर सिरस्की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ऑडिट की ओर ऑडिट के बाद आंकड़ों की समीक्षा की। जिसके बाद कहा कि जरूरी तादाद उतनी ज्यादा नहीं है क्योंकि सैनिकों की तर्कसंगत तरीके से व्यवस्था की जा सकती है। 

रूस ने मचाया कहर

यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने हाल ही में बताया कि  क्षेत्र के दो लाख से ज्यादा लोग बिना बिजली के रह रहे हैं। वहीं, रूस लगातार खारकीव के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद करके  शहर को अंधेरे में डुबोने की कोशिश कर रहा है।