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Delhi News: मोदी सरकार पर आप का हमला, केजरीवाल ने उठाए भ्रष्टाचार और पार्टी तोड़ने के सवाल

अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 22 सितंबर को पहली बार जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया। 'जनता की अदालत' में उन्होंने 2011 के जन लोकपाल आंदोलन को याद किया और बताया कि कैसे उस समय की सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया था। 

Delhi News: मोदी सरकार पर आप का हमला, केजरीवाल ने उठाए भ्रष्टाचार और पार्टी तोड़ने के सवाल

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित किया। 22 सितंबर को आयोजित इस ‘जनता अदालत’ में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के पुराने दिनों को याद किया और जनता से सीधा संवाद किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि जंतर-मंतर पर आकर उन्हें पुराने दिनों की याद आ गई जब उन्होंने 2011 में जन लोकपाल आंदोलन की शुरुआत की थी।

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उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल 2011 को इस स्थल से भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा आंदोलन शुरू हुआ था, जो करीब डेढ़ से दो साल तक चला। उस समय की सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया और चुनौती दी कि चुनाव लड़कर दिखाओ। केजरीवाल ने कहा, “हमने चुनौती स्वीकार की और दिल्ली में चुनाव जीतकर सरकार बनाई, यह साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव जीतना और सरकार चलाना मुमकिन है।”

केजरीवाल ने गिनाई उपलब्धि 

अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने जनता को मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा और बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा जैसी सुविधाएं दीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया। हालांकि, उन्होंने यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक षड्यंत्र रचकर उनके सरकार के प्रमुख नेताओं को जेल में डाला। उन्होंने कहा कि वे जब जेल से बाहर आए, तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

केजरीवाल ने सीएम आवास छोड़ने पर बोला 

इस्तीफे की बात करते हुए केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा सत्ता या कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि देश की राजनीति को बदलने के उद्देश्य से था। उन्होंने कहा, “मुझे कुर्सी से कोई मोह नहीं है। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में हमेशा ईमानदारी से काम किया है और आपका प्यार कमाया है।” इस्तीफे के बाद केजरीवाल को सीएम आवास भी छोड़ना होगा, जिस पर उन्होंने कहा, “आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है, लेकिन मैं आपके घर आकर रहूंगा।”

कोर्ट से बरी होने से पहले सीएम कुर्सी पर नहीं बैठेंगे

केजरीवाल ने आगे कहा कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक कोर्ट से बरी नहीं हो जाते। उन्होंने जनता से पूछा, "अगर मैं बेईमान होता तो क्या जनता के लिए मुफ्त सुविधाएं देता?" इसके बाद उन्होंने जनता से सवाल किया कि क्या वे मानते हैं कि मोदी जी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा है, जिस पर लोगों से प्रतिक्रिया की उम्मीद की गई।

भाजपा नेताओं को भेज रही जेल

भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि आरएसएस के नेता देशभक्ति और राष्ट्रवाद की बात करते हैं, लेकिन मोदी सरकार दूसरी पार्टियों के नेताओं को लालच और धमकी देकर जेल में डाल रही है और पार्टियां तोड़ रही है। उन्होंने मोहन भागवत और आरएसएस के कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या इस प्रकार की हरकतें देश के लिए सही हैं।

मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी पर बोले केजरीवाल

केजरीवाल ने यह भी सवाल उठाया कि अगर 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का नियम बना है, तो इसे मोदी जी पर लागू क्यों नहीं किया गया, जबकि अन्य वरिष्ठ नेताओं को इससे हटाया गया। उन्होंने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली में शिक्षा की तस्वीर बदल दी थी, और उन्हें जेल में डालने से सिर्फ सिसोदिया का नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान हुआ है।