पांचवें चरण की वोटिंग के लिए राजनीतिक पार्टियों की धुंआधार तैयारी, बीजेपी या कांग्रेस कौन किस पर भारी?
लोकसभा चुनाव के 4 फेस की वोटिंग के बाद अब पांचवे फेस की तैयारी है. तीन फेज की वोटिंग बाकी है. दिल्ली में छठे फेज में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं और इन सभी पर फिलहाल BJP का कब्जा है.
लोकसभा चुनाव के 4 फेस की वोटिंग के बाद अब पांचवे फेस की तैयारी है. तीन फेज की वोटिंग बाकी है. दिल्ली में छठे फेज में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं और इन सभी पर फिलहाल BJP का कब्जा है. अब तक लग रहा था कि बीजेपी का पलड़ा दिल्ली में भारी है, लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद सियासी समीकरण फिर बदलते नजर आ रहे है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी अपने 6 नए चेहरों के सहारे दिल्ली की हैट्रिक लग पाएगी.
दिल्ली में 7 लोकसभा सीटे हैं जिन पर छठे चरण में यानि 25 मई को मतदान किया जाएगा.राजधानी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सीटों का गणित किस तरफ पलटेगा इसके कयास लगाए जा रहे हैं. बीजेपी ने इस बार बड़ा फेर-बदल करते हुए 7 में से 6 सीटों पर नए चेहरों को टिकट दिया है. तो वहीं कभी एक-दूसरे की धुर-विरोधी रही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन की वजह से साथ आई है और लोकसभा चुनाव में AAP दिल्ली की 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने 3 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं.
मनोज तिवारी को छोड़कर बीजेपी ने इस बार 6 नए चेहरों में पर दिल्ली में दांव लगाया है. ये नए चेहरे बीजेपी को कितना चमका पाएंगे ये बड़ा सवाल है. अबतक मुकाबला एक तरफ ही देखा जा रहा था, लेकिन अरविंद केजरीवाल के बाहर आने के बाद दिल्ली में बीजेपी के लिए कड़े मुकाबली की बारी है. इसके पीछे AAP को मिलती सहानुभूति भी है, क्योकि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला है, उससे दिल्ली की सातों सीटों पर क्लीन स्वीप करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.
2004 और 2009 में कांग्रेस का दबदबा
2004 और 2009 के चुनाव को देखे तो 2004 औ 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने टॉप परफॉर्मेंस दिया था. पार्टी ने 2004 में दिल्ली की 7 में से 6 सीटें जीती थी. वहीं 55% वोट मिले थे. 2009 के इलेक्शन में कांग्रेस ने 7 में से 7 सीटें जीत ली थीं. वोट शेयर बढ़कर 57% हो गया था.
2014 में मोदी लहर का कमाल
2014 में मोदी लहर में कांग्रेस नाकाम रही. कांग्रेस का वोट शेयर गिरकर 15% हो गया. एक भी सीटें नहीं मिली. जबकि 2019 के इलेक्शन में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 23% तो हुआ, लेकिन इस बार भी कोई सीट नहीं मिली. दोनों चुनावों में BJP ने सभी सीटें जीती थीं. 2014 में BJP का वोट शेयर 46% और 2019 में 57% रहा. इससे पहले 2014 के चुनाव में BJP ने एक सीट जीती थी. 2009 के चुनाव में पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी. 2014 और 2019 के इलेक्शन में आम आदमी पार्टी बैकफुट पर थी.
लोकसभा चुनाव के नतीजे
2004, कांग्रेस
7 में से 6 सीटें जीती
वोट शेयर 55%
2009, कांग्रेस
7 में से 7 सीटें जीती
वोट शेयर 57%
2014, कांग्रेस
एक भी सीटें नहीं मिली
वोट शेयर गिरकर 15%
2019, कांग्रेस
एक भी सीटें नहीं मिली
वोट शेयर बढ़कर 23%
24 में दिल्ली में घमासान
2024 के चुनाव में दिल्ली में काफी घमासान देखने के लिए मिला. आम आदमी पार्टी और विपक्ष के कई नेता भ्रष्ट्राचार के मामले में जेल में बंद है या फिर बाहर नोटिस या समन का सामना कर रहे हैं. कई नेताओ पर ED-CBI की तलवार लटकी है. खुद सीएम केजरीवाल अंतिम जमानत पर 1 जून तक के लिए बाहर आएं हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के नए चेहरे और AAP का जोश दिल्ली की जनता को कितना लुभा पाता है. दिल्ली में बीजेपी और AAP आमने सामने है और एक दूसरे पर हमलावर हैं.