Kolkata Rape Murder Case: पीड़िता के मां-बाप को किया गया गुमराह, वायरल ऑडियो से सच का खुलासा !
Kolkata Rape Case: कोलकाता में मेडिकल छात्रा की रेप और हत्या के मामले में चौंकाने वाले खुलासे! मृतका के माता-पिता को अस्पताल से तीन कॉल आए, जिसमें उन्हें बेटी की मौत की गलत जानकारी दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की कार्यवाई पर सवाल उठाए।
Kolkata: कोलकाता रेप-मर्डर की गुत्थी दिन पर दिन उलझती जा रही है, इस बीच इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जहां रेजीडेंट डॉक्टर से हुई हैवानियत के बाद परिवारवालों को हॉस्पिटल से कॉल कर घटना के बारे में जानकारी दी गई है। परिजनों की मानें तो उन्हें ये नहीं बताया कि असल मामला क्या है लेकिन उन्हें इस बारे में सूचना मिली थी। अब इसके ऑडियो सामने आए हैं। जहां एक हॉस्पिटल की एक महिला पीड़िता के माता-पिता को अस्पताल आने के लिए कहती है और आगे बोलती है,आपकी बेटी की तबियत नहीं है। वहीं यहां से दूसरा कॉल भी जाता है और महिला परिवारवालों को बताती है शायद आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है। मौके पर पुलिस भी पहुंच चुकी है। आप भी जल्दी आ जाइए। उन्हें इस तरह की 3 कॉल गए थे। जिसकी जानकारी उन्होंने अदालत में दी थी।
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पहली कॉल में क्या कहा गया?
महिला डॉक्टर के माता-पिता ने कोर्ट में बताया कि उन्हें पहली कॉल सुबह 10 बजकर 53 मिनट में आई थी। कॉल महिला ने की थी, जिसकी पहचान अस्पताल की सहायक अधीक्षक के तौर पर हुई। वही सुप्रीम कोर्ट में पेश कोलकाता पुलिस की टाइमलाइन पर नजर डाले तों इसमें पुलिस अधिकारियों ने माता-पिता को कॉल करने के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है। वहीं पुलिस टाइमलाइन में केवल एक कॉल का उल्लेख है, ऐसे में तीन ऑडियो फाइलों से ये बात तो साफ है, पीड़िता के परिजनों को अस्पताल की तरफ से तीन बार फोन किया गया। आखिरी कॉल में उन्हें बेटी की मौत की जानकारी दी गई थी।
पहली कॉल में बातचीत:
पीड़िता के पिता: क्या हुआ है, कृपया मुझे बताएं
कॉल करने वाला: उसकी हालत बहुत खराब है, कृपया जल्द से जल्द आएं
पीड़िता के पिता: कृपया हमें बताएं कि क्या हुआ है
कॉल करने वाला: डॉक्टर यही कहेंगे, आप जल्दी आइए।
पीड़िता के पिता: आप कौन हैं?
कॉल करने वाला: मैं असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट हूं, डॉक्टर नहीं
पीड़िता के पिता: वहां कोई डॉक्टर नहीं है?
कॉल करने वाला: हम आपकी बेटी को इमरजेंसी में लेकर आए हैं। आप आकर हमसे संपर्क करें।
पीड़िता की मां: उसे क्या हुआ, वह ड्यूटी पर थी
कॉल करने वाला: आप जल्दी आइए, जितनी जल्दी हो सके।
दूसरी कॉल में बाचतीत के अंश:
दूसरी कॉल में एक पुरुष कॉल करता है। तब तक माता-पिता हॉस्पिटिल के लिए निकल चुके होते हैं।
कॉल करने वाला: मैं आरजी कर (अस्पताल) से बोल रहा हूँ
पीड़िता की माँ: हाँ, बोलो
कॉल करने वाला: तुम आ रहे हो, है न?
पीड़िता की माँ: हां, हम आ रहे हैं। अब उसकी हालत कैसी है?
कॉल करने वाला: तुम आओ, हम बात करेंगे, आरजी कर अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट एचओडी के पास आइए
पीड़िता की माँ: ठीक है
तीसरी कॉल में दी मौत की जानकारी
तीसरी कॉल में पीड़िता के माता-पिता को बताया गया, उनकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है। अदालत ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि तीन बार फोन करने के बाद भी परिजनों को गुमराह क्यों रख गया। वहीं बेटी की मौत की जानकारी असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ने दी थी। जिसने उन्हें पहली कॉल की थी।
पीड़िता के पिता: मेरी बेटी कैसी है..
कॉल करने वाला: मैं असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट बोल रही हूं।
पीड़िता के पिता: हां
कॉल करने वाला: बात यह है कि आपकी बेटी ने शायद सुसाइड कर लिया है। वह मर चुकी है, पुलिस यहां है, हम सब यहाँ हैं, कृपया जल्द से जल्द आएं।
पीड़िता के पिता: ये नहीं हो सकता, हम अस्पताल आ रहे हैं।
कोलकाता मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
9 अगस्त को ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेपी के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी। घटना के मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य संदीप घोष से पूछताछ चल रही है। वहीं माता पिता को बेटी की मौत की सूचना देने पर सुप्रीम कोर्ट के साथ कोलकाता हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किये हैं। अदालत में दायर याचिकों में पीड़िता के माता-पिता का कहना है, उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया। उन्हें शक है कि यह देरी जानबूझकर की गई थी। हालांकि कोलकाता पुलिस ने इसका विरोध किया है। पुलिस की टाइमलाइन में दावा किया गया है, माता-पिता दोपहर 1 बजे अस्पताल पहुंचे और उन्हें 10 मिनट बाद सेमिनार हॉल ले जाया गया, जहां शव मिला। अदालतों ने यह भी सवाल उठाया है कि तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के रहते हुए अस्पताल प्रशासन ने औपचारिक पुलिस शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई और पुलिस ने सुसाइड का मामला क्यों दर्ज करना पड़ा था।