Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Weird News: इस गांव में नहीं पहुंचती थी रोशनी, तो गांव वाले ने बना लिया अपना नया सूरज...

Weird News: दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर कई दिनों तक सूरज की रोशनी पहुंचती है। अब ऐसे ही एक गांव के लोगों को सूरज की धूप नहीं पहुंची, तो इसका हल ढूंढ लिया। इस गांव के लोगों के अपना खुद का सूरज बना लिया।

Weird News: इस गांव में नहीं पहुंचती थी रोशनी, तो गांव वाले ने बना लिया अपना नया सूरज...
Image Credit: Pixels

Weird News: दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर कई दिनों तक सूरज की रोशनी पहुंचती है। अब ऐसे ही एक गांव के लोगों को सूरज की धूप नहीं पहुंची, तो इसका हल ढूंढ लिया। इस गांव के लोगों के अपना खुद का सूरज बना लिया। यह गांव में इटली में स्थित है, जिसने यह कार्य किया है। गांव के लोगों ने अपना आर्टिफिशियल सूरज बनाया है।दरअसल, इटली के इस गांव में सूरज उगता था, लेकिन कुछ जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंची थी। इसकी वजह से गांव के लोग परेशान रहते थे। लोगों ने इसका ऐसा जुगाड़ निकाला जिसे देखकर कहा जा सकता है कि उन्होंने अपना सूरज बना लिया है।  स्विट्जरलैंड और इटली के बीच विगनेला गांव स्थित है। यहां पर 11 नवंबर से 2 फरवरी के बीच सूरज की रोशनी बहुत कम पहुंचती है। 

जानिए कैसे बनाया नकली सूरज?

पहाड़ों के बीच बसे विगनेला गांव में ढाई महीने सूरज की सीधी रोशनी नहीं पहुंचती थी। यहां पर 11 नवंबर से दो फरवरी के बीच सूरज नहीं दिखाई देता था। इस गांव की कुल आबादी 200 है। यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। साल 2005 में विगनेला के मेयर पियरफ्रैंको मिडाली की मदद से लगभग 1 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए। इसके बाद गांव के सामने के पहाड़ पर बहुत बड़े शीशे को लगाने की शुरुआत की गई। 

कैसे मिलती है सूरज की रोशनी?

गांव वालों ने नवंबर 2006 तक 40 वर्ग मीटर का एक शीशा पहाड़ के लगाया, जो 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था। शीशे पर सूरज की रोशनी पड़ी, जिसे गांव की तरफ रिफ्लेक्ट किया गया। शीशे का आकार बड़ा होने की वजह से दिसंबर 2006 में पहली बार पूरे गांव को रोशनी मिली।शीशे के एंगल को इस तरह सेट किया गया रोशनी से गांव के चर्च के सामने मौजूद चौक पर धूप पहुंचे। यह एक कंप्यूटराइज्ड शीशा है, जो पूरे दिन सूरज की चाल को फॉलो करता है और घूमता रहता है। इस शीशे से करीब 6 घंटे गांव के एक इलाके को रोशनी मिलती है।