अलवर की प्याज के बेहतर उत्पादन और भाव से किसानों की आमदनी में हुई बढ़ोतरी, थोक मंडी में भाव हुए दोगुने
अलवर की प्याज मंडी में इन दिनों किसानों के चेहरों पर खुशी का माहौल है। इस साल प्याज की बंपर पैदावार होने के साथ-साथ दामों में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है। मंडी व्यापारी पप्पू भाई प्रधान के अनुसार, इस सीजन में प्याज की आवक में जबरदस्त इजाफा हुआ है। हर दिन करीब 30 हजार कट्टे प्याज अलवर की थोक मंडी में आ रहे हैं, जिससे प्याज की उपलब्धता बनी हुई है।
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इस बार किसानों को प्याज के भाव पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुने मिल रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में खासा इजाफा हुआ है। थोक बाजार में प्याज 35 रुपये से 55 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जो पिछली बार की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पिछले बार से प्याज का उत्पादन हुआ दोगुना
पिछले साल अलवर जिले में प्याज का उत्पादन 4 लाख मीट्रिक टन के आसपास था, जबकि इस बार यह आंकड़ा 6 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके कारण जिले के किसानों को प्याज का अच्छा मुनाफा मिल रहा है। मंडी में प्रतिदिन प्याज की आवक का यह सिलसिला अगले 10-15 दिनों तक और बढ़ सकता है, क्योंकि यह प्याज की फसल का पीक सीजन है। आमतौर पर प्याज की आवक फरवरी तक होती है, लेकिन अलवर की प्याज की खासियत यह है कि यह ऐसे समय में आती है जब अन्य जगहों पर प्याज की कमी होती है, जिससे इसकी मांग और दाम दोनों बढ़ जाते हैं।
अलवर प्याज की विशेषता
अलवर की "लाल प्याज" अपनी विशेषता के लिए जानी जाती है। इसमें अच्छी सुगंध और स्वाद होता है, जो इसे अलग बनाता है। अलवर और खैरथल में प्याज की बंपर आवक को संभालने के लिए विशेष प्याज मंडी स्थापित की गई हैं। खैरथल मंडी में हर दिन लगभग 25 हजार कट्टे प्याज पहुंच रहे हैं, जबकि मालाखेड़ा और लक्ष्मणगढ़ में भी 5-10 हजार कट्टे प्याज की आवक हो रही है।