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उपचुनाव में बड़ा दांव, आरएलपी पहली बार परिवार के बाहर दे सकती है टिकट

हनुमान बेनीवाल का एक भावुक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे RLP के अस्तित्व को बचाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उपचुनाव में उनकी पार्टी हार जाती है, तो RLP का नाम राजस्थान से मिट सकता है। 

उपचुनाव में बड़ा दांव, आरएलपी पहली बार परिवार के बाहर दे सकती है टिकट

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बेनीवाल भावुक अंदाज में जनता से आरएलपी के भविष्य की रक्षा की अपील करते नजर आ रहे हैं।

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उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उपचुनाव में आरएलपी को हार का सामना करना पड़ा, तो "अगली हेडलाइन होगी कि RLP राजस्थान से मिट गई, और विधानसभा में इसका कोई विधायक नहीं बचा।"

RLP की उम्मीदवारों की सूची नहीं हुई जारी

यह वीडियो तब आया है जब राजस्थान के सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख करीब है और आरएलपी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। जबकि कांग्रेस और बीजेपी ने लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, आरएलपी अब तक सिर्फ 14 स्टार प्रचारकों की सूची ही जारी कर पाई है।

खींवसर सीट पर आरएलपी का बड़ा फैसला?

हनुमान बेनीवाल के राजनीतिक करियर में खींवसर विधानसभा सीट हमेशा से उनके परिवार का गढ़ रही है। यहां से या तो वे खुद विधायक बने हैं या उनके भाई नारायण बेनीवाल। लेकिन इस बार चर्चा है कि आरएलपी परिवार के बाहर किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस बार बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल का नाम भी संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में है, हालांकि अंतिम फैसला अभी बाकी है।

गठबंधन की कोशिशें नाकाम

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के साथ खींवसर और देवली-उनियारा सीटों पर गठबंधन की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आरएलपी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है या गठबंधन के बिना ही मुकाबले में उतरती है।

बीजेपी-कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में

खींवसर सीट पर बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल के पुराने साथी रेवंत राम डांगा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व IPS की पत्नी डॉ. रतन चौधरी को टिकट दिया है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि आरएलपी इस बार किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।