Rajasthan by-elections: बिना गठबंधन कांग्रेस का दमखम ! नए चेहरों को मौका,खींवसर-चौरासी से इन्हें टिकट
Rajasthan by Election Congress Candidate List: राजस्थान के सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस ने दो महिलाओं पर दांव लगाने के साथ जातीय समीकरणों पर बीजेपी को मात देने की कोशिश की है।
राजस्थान में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव में दिन पर दिन सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। बीजेपी के बाद हर कोई कांग्रेस की उम्मीदवार लिस्ट का इंतजार कर रहा था,आखिर ये इंतजार अब खत्म हो गया। कांग्रेस ने सात सीटों पर प्रत्याशियों को ऐलान कर दिया है। बता दें, इस बार कांग्रेस बिना किसी गठबंधन के मैदान में उतरी है इसलिए मुकाबला रोचक होने वाला है। सूची में परिवारवाद की छाप साफ तौर पर नजर आ रही है। वहीं, दो महिलाओं पर भी दांव लगाया गया है। जबकि एक मुस्लिम तो जातीय समीकरणों पर बीजेपी को मात देने की पूरी कोशिश की गई है। इतना ही नहीं उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बीजेपी की रणनीति के तर्ज पर जिताऊ उम्मीदवारों को अहमियत दी है।
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7 सीटों पर कांग्रेस ने उतारे उम्मीदवार
उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी की तगड़ी फाइट देखने को मिलेगी। दोनों दलों ने साहुनूभूति कार्ड खेलते हुए नेताओं के परिवार के लोगों को मैदान में उतारा है। बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणाा के निधन के बाद खाली हुई सलूम्बर सीट पर बीजेपी ने दिवगंत नेता की पत्नी शांति मीणा को मैदान में उतारा। ठीक इसी तरह कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के पुत्र आर्यन खान को मौका दिया है। बीजेपी ने दौसा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को मौका दिया है, तो दूसरी तरफ झुंझनूं से कांग्रेस ने ब्रजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है।
आधी आबादी को साधने की कोशिश
कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट में दो महिलाओं का नाम शामिल है। सलूम्बर सीट से 2018 में बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाली रेशम मीणा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। 2018 के विधानसभा चुनावों में टिकट न मिलने पर बागी तेवर दिखाते हुए रेशम ने निर्दलीय ताल ठोंकी थी। वोटों के बिखराव से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था और बीजेपी के अमृत लाल मीणा ने जीत दर्ज की थी। चुनावों के बाद कांग्रेस ने रेशमा मीणा को निलंबित कर दिया था। हालांकि उन्होंने कुछ साल पहले रेशमा को दोबारा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई गई थी। रेशमा का मुकाबला शांति मीणा से होगा।
दौंसा सीट पर जातीय समीकरण बिगाड़ेंगे खेल
राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं दौसा सीट पर जातीय समीकरण हमेशा हावी रहे हैं। ये सीट इस बार हॉटसीट बनी हुई है। बीजेपी ने कद्दावर नेता किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को मैदान में उतारा है,तो टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने डीसी बैरवा को प्रत्याशी बनाया है। बता दें, डीसी बैरवा पूर्व प्रधान है और उनकी पत्नी वर्तमान समय में सरपंच हैं।
कांग्रेस से चुनावी लड़ेंगी BJP नेता की पत्नी
इससे इतर सबसे खास सीट देवली उनियारा और खींवसर है। खींवसर हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती है। यहां पर कांग्रेस ने बीजेपी नेता सवाई सिंह चौधरी की पत्नी रत्न चौधरी को टिकट दिया है। कांग्रेस से पत्नी को टिकट मिलने के बाद सवाई चौधरी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा देवली उनियारा सीट पर किस्तौर चंद मीणा को प्रत्याशी बनाया गया है।
BAP को कांग्रेस देगी टक्कर
वहीं,चौरासी सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी का प्रभाव माना जाता है। यहां से कांग्रेस ने युवा चेहरे महेश रोंत पर दांव लगाया है। बता दें, बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। वहीं, राजस्थान के दक्षिणांचल में पड़ने वाली ये सीट गुजरात से सटी हुई है। आकंड़ों पर नजर डालें तो 1967 से लेकर अभी तक इस सीट पर 12 बार हुए चुनावी मुकाबले में छह बार कांग्रेस ने जीत हासिल की हालांकि पिछले दो चुनावों में चौरासी में बीएपी का प्रभुत्व बढ़ा है। 2019 में भारतीय ट्राइबल पार्टी (TBT) तो 2023 में बीएपी से चुनाव लड़ने वाले राजकुमार रोत ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर बीजेपी केवल तीन बार जीती है। ऐसे में उपचुनाव में भी कांग्रेस-बीजेपी को रोत की पार्टी से कड़ी टक्कर मिलने की पूरी संभावना है।