Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज की बदहाली, बिना टिकट सफर, कमीशनखोरी, और स्टाफ की कमी से भारी नुकसान
राजस्थान रोडवेज में स्टाफ की कमी से यात्रियों को परेशानी हो रही है। बिना टिकट यात्रा करने के मामले बढ़ रहे हैं। जानिए क्यों सरकार के वादे सिर्फ कागजो तक ही सीमित रह गए हैं।
सरकार चाहे जितने वादे कर लें लेकिन जमीनी स्तर पर काम बिल्कुल शून्य होता है, ऐसा ही कुछ राजस्थान में हो रहा है। जहां बीते महीनों राज्य सरकार ने राजस्थान रोडवेज के लिए 500 नई बसों को खरीदने के साथ 1650 रिक्त पदों पर भर्ती का बजट जारी किया था हालांकि कई महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाए गए।लगातार बढ़ रहे रिक्त पदों के साथ अब रोडवेज प्रशासन के पास स्टाफ की कमी हो गई। वहीं, इन दिनों बिना टिकट के यात्रा करने वाले मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है। जहां नागौर बस डिपो की एक रोडवेज बस में 68 यात्री सवार थे,जब टिकट जांच की गई तो 47 यात्री बिना टिकट के यात्रा कर रह रहे थे।
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बस सारथी लगा रहे पैसों का चूना
बता दें, स्टाफ की कमी के चलते रोडवेस प्रशासन के अनुबंध पर बर सारथी रखना मजूबरी बन गया है हालांकि ये अभी मजबूरी का फायदा उठाते हुए रोडवेज के राजस्व पर चूना लग रहा है। गौरतलब है, राजस्थान रोडवेज में टोटल 22,124 पद स्वीकृत है। जिनमें अधिकारी-कर्मचारी दोनों शामिल है लेकिन मौजूदा वक्त में कव 10841 पदों पर कर्मचारी कार्यररत है, जबकि 11283 पद खाली है। रिक्त पदों के कारण कार्य में बाधा न हो इसलिए बस सारथी रखे गए हैं हालांकि ये बड़ी संख्या में लोगों बेटिकट यात्रा करा रहे हैं।
एक साल बाद भी खाली पड़े पद
बता दें रोडवेज में स्टाफ की कमी कोई नहीं है। गहलोत सरकार के कार्यकालके दौरान स्टाफ की कमी दूर करने के लिए जून 2023 में 5200 पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने अनुमति देती थी लेकिन ये वित्त विभाग पर नहीं मिल सकी थी, जबकि मौजूदा भजनलाल सरकार ने 1650 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी लेकिन ये भी कागजों तक सिमट कर रह गया है और अभी तक प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया है।