Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Nagpur में सड़क हादसा, Sikar में मचा कोहराम, गरीबी का कहर, इलाज के लिए खेत, शव के लिए बकरियां गिरवी, जानें पूरा मामला

दुर्घटना 10 अक्टूबर को नागपुर-उमराव नेशनल हाइवे पर हुई थी। रणवीर अपने एक साथी के साथ स्कूटी पर काम से लौट रहा था, तभी उनकी स्कूटी सरियों से लदे एक ट्रक से टकरा गई।

Nagpur में सड़क हादसा, Sikar में मचा कोहराम, गरीबी का कहर, इलाज के लिए खेत, शव के लिए बकरियां गिरवी, जानें पूरा मामला

सीकर के आगरी गांव की ढाणी रावजी में एक गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक महीने पहले ही परिवार का बेटा, रणवीर सोलंकी मजदूरी की तलाश में नागपुर गया था। घर में बूढ़े पिता बाबूलाल, मानसिक रूप से बीमार पत्नी और तीन छोटे बच्चे थे। रणवीर के जाने से बाबूलाल को उम्मीद थी कि बेटे की कमाई से बहू का इलाज करा पाएंगे और गरीबी से भी कुछ राहत मिलेगी। लेकिन किस्मत ने कुछ और ही मंजूर किया था।

इसे भी पढ़िये - 

गुरुवार की सुबह एक एम्बुलेंस उनके घर के बाहर रुकी, जिसने बाबूलाल की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। एम्बुलेंस से उनके बेटे रणवीर का शव निकला, जिसका शरीर लोहे के सरियों से छलनी था। ये दृश्य देखकर बाबूलाल की दुनिया ही उजड़ गई।

सड़क हादसे ने उजाड़ा परिवार

दुर्घटना 10 अक्टूबर को नागपुर-उमराव नेशनल हाइवे पर हुई थी। रणवीर अपने एक साथी के साथ स्कूटी पर काम से लौट रहा था, तभी उनकी स्कूटी सरियों से लदे एक ट्रक से टकरा गई। हादसे में दोनों के शरीर में सरिये घुस गए। रणवीर के साथी की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रणवीर ने मंगलवार देर रात दम तोड़ दिया।

एम्बुलेंस के किराए के लिए बकरियां गिरवी

बेटे के शव को देखकर बाबूलाल पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गरीबी ऐसी थी कि एम्बुलेंस का किराया देने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। पांच दिन पहले ही उन्होंने अपने खेत को गिरवी रखकर बेटे के इलाज के लिए दो लाख रुपये भेजे थे। अब एम्बुलेंस का 40 हजार रुपये चुकाने के लिए उन्हें अपनी बकरियां भी गिरवी रखनी पड़ीं।

प्रशासन से मदद की गुहार

रणवीर के तीन मासूम बच्चे हैं - 13 साल का मोहित, 10 साल का विशाल और 8 साल का सुमित। उसकी पत्नी सीमा मानसिक रूप से बीमार है और उसका इलाज चल रहा है। अब इन चारों बच्चों, बीमार बहू और बूढ़ी पत्नी की जिम्मेदारी बाबूलाल के कंधों पर आ गई है, जो खुद रेवड़ चराकर गुजारा करते हैं और पिछले साल एक हादसे में उनके पैर भी जख्मी हो गए थे। गांव वालों ने प्रशासन से इस परिवार की मदद की गुहार लगाई है। ये घटना एक ऐसे परिवार की करुण गाथा है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा।