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राजस्थान उपचुनाव में थप्पड़कांड: निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर हंगामा, समर्थकों का उग्र प्रदर्शन

नरेश मीणा, जो पहले कांग्रेस में थे और अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, ने इस कार्रवाई के बाद प्रशासन को चुनौती देते हुए धरना देने की घोषणा की और अपने समर्थकों को बड़ी संख्या में लाठी-डंडों के साथ समराव गांव में एकत्रित होने का आह्वान किया।

राजस्थान उपचुनाव में थप्पड़कांड: निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर हंगामा, समर्थकों का उग्र प्रदर्शन

राजस्थान के देवली-उनियारा उपचुनाव में 13 नवंबर को एक अप्रत्याशित घटना ने बवाल खड़ा कर दिया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, जिससे मामला तूल पकड़ गया। ये थप्पड़कांड तब हुआ जब चौधरी ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे, जो अपनी मांगों के समर्थन में मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके थे।

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प्रशासन को चुनौती

नरेश मीणा, जो पहले कांग्रेस में थे और अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, ने इस कार्रवाई के बाद प्रशासन को चुनौती देते हुए धरना देने की घोषणा की और अपने समर्थकों को बड़ी संख्या में लाठी-डंडों के साथ समराव गांव में एकत्रित होने का आह्वान किया।

कौन हैं अमित चौधरी ?

अमित चौधरी, 2019 बैच के राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएस) अधिकारी हैं, और वर्तमान में मालपुरा के एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। उनका जन्म 1992 में अलवर में हुआ था और उन्होंने कई जिलों में प्रशासनिक भूमिका निभाई है। इस घटना के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के संघ ने नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की और चेतावनी दी कि यदि गिरफ्तारी नहीं होती, तो राज्य में पैन-डाउन हड़ताल की जाएगी।

100 से अधिक समर्थक हिरासत में

इस पूरे घटनाक्रम के बाद तनाव का माहौल बन गया, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच थानों की पुलिस तैनात की गई। पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। हिंसा और आगजनी की घटनाओं के चलते पुलिस ने नरेश मीणा और उनके 100 से अधिक समर्थकों को हिरासत में ले लिया।

कानून व्यवस्था पर सवाल

ये घटना राजस्थान के उपचुनावों में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक सख्ती पर सवाल खड़े करती है, वहीं नरेश मीणा के समर्थन में जुटे ग्रामीणों की नाराजगी को भी उजागर करती है।