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89 साल की मां को हॉस्पिटल में छोड़कर भागा कलयुगी बेटा, सवा महीने से बंद आ रहा फोन, अस्पताल कर रहा देखरेख

अस्पताल प्रशासन ने कई बार प्रोफेसर बेटे से सम्पर्क का प्रयास किया लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा है। फिलहाल अस्पताल ने ही महिला की जिम्मेदारी ले ली है और अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ बुजुर्ग महिला की अपनी मां की ही तरह देखरेख कर रहा है।

89 साल की मां को हॉस्पिटल में छोड़कर भागा कलयुगी बेटा, सवा महीने से बंद आ रहा फोन, अस्पताल कर रहा देखरेख

राजस्थान से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आयी है जहां राजस्थान यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री विभाग का एक प्रोफेसर अपनी 89 साल की मां को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करा कर छोड़ गया है। बूढ़ी मां को भर्ती हुए सवा महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अब तक बेटा लौटकर मां की सुध लेने नहीं आया है। जब अस्पताल ने बेटे को फोन लगाया तो फोन बंद आ रहा है।

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अस्पताल प्रशासन ने कई बार प्रोफेसर बेटे से सम्पर्क का प्रयास किया लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा है। ऐसे में फिलहाल अस्पताल ही महिला की जिम्मेदारी ले ली है और अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ बुजुर्ग महिला की अपनी मां की ही तरह देखरेख कर रहा है। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने जवाहर सर्किल थाने में भी सूचना दे दी है। पुलिस और अस्पताल की लाख कोशिश के बाद भी अब तक महिला के दोनों बेटों से संपर्क नहीं हो सका है।
डीलक्स रूम में कराया था भर्ती
महिला के प्रोफेसर बेटे ने 4 सितंबर को उसे अस्पताल के डीलक्स रूम में भर्ती कराया गया था। 7 सितंबर को हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में किया गया। अस्पताल में महिला का इलाज कर रहे डॉक्टर पंकज आनंद ने बताया कि चार दिन आईसीयू में रहने के बाद महिला का हालत में सुधार हुआ था। 
अस्पताल स्टाफ कर रहा महिला की सेवा
डॉ. पंकज आनंद ने बताया कि महिला को लेने कोई नहीं आया तो अस्पताल का स्टाफ ही सेवा करने लगा. डॉ. आनंद ने बताया कि वे खुद दिन में दो बार जाते हैं. महिला सुरक्षा गार्ड बुजुर्ग महिला की देखरेख करते हैं. अस्पताल का स्टाफ कपड़े बदलता और सिर के बाल बनाता है.
एक ने की अजीब हरकत, दूसरे से नहीं हो सका संपर्क
इलाज कर रहे डॉक्टर के मुताबिक महिला को वार्ड में शिफ्ट करने के बाद उनके बेटे से संपर्क किया गया तो वो आने में बहाने करने लगे। घर पहुंचे हॉस्पिटल स्टाफ को देख मानसिक रोगी की तरह अजीब हरकत करने लगे। बहुत कोशश कर महिला के दूसरे बेटे प्रो. अनुराग जोशी से सम्पर्क किया गया जो दिल्ली के इग्नू में प्रोफेसर हैं। लेकिन उनका भी कोई जवाब नहीं आया। 
अस्पताल स्टाफ कर रहा महिला की सेवा
बुजुर्ग महिला के दो सक्षम बेटे हैं लेकिन दोनों ही बेटो से अस्पताल स्टाफ संपर्क करने में नाकाम साबित हुआ इतना ही दोनों बेटे पुलिस का कॉल भी रिसीव नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब अस्पताल का स्टाफ ही बुजुर्ग महिला की हर जरूरत का ख्याल रखते हुए सेवा कर रहा है। दो दो शानदार करियर वाले बेटों की मां होते हुए भी इस घटना और महिला की इस स्थिति ने मौजूदा समाज की शर्मनाक हकीकत को दिखाने का काम किया है। हमें अपने मूल्यों और संस्कारों पर गौर करने की जरूरत को बताती है।