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यूपी की दो सीटें तय करेंगी अशोक गहलोत और सचिन पायलट का भविष्य, दोनों सीटों पर दांव पर लगी है गांधी परिवार की प्रतिष्ठा

राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का भविष्य उत्तर प्रदेश की दो सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटें तय करेंगी दरअसल दोनों नेताओं ने यूपी की दो सीटों पर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कुछ दिनों से अमेठी लोकसभा सीट पर डेरा जमाए हैं वो वहां की चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं।

यूपी की दो सीटें तय करेंगी अशोक गहलोत और सचिन पायलट का भविष्य, दोनों सीटों पर दांव पर लगी है गांधी परिवार की प्रतिष्ठा

राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का भविष्य उत्तर प्रदेश की दो सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटें तय करेंगी दरअसल दोनों नेताओं ने यूपी की दो सीटों पर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कुछ दिनों से अमेठी लोकसभा सीट पर डेरा जमाए हैं वो वहां की चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी अब राहुल गांधी  की रायबरेली सीट पर मोर्चा संभाल लिया है। सचिन पायलट अगले दो तीन दिन रायबरेली में न केवल चुनावी रणनीति को अमली जामा पहनाने में अपना योगदान देंगे, बल्कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे।

रायबरेली और अमेठी में लगी गांधी परिवार की प्रतिष्ठा

दरअसल राजस्थान में इन दोनों नेताओं के बीच शीतयुद्ध जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए बुलाने या नहीं आने को लेकर वार पलटवार का दौर चल रहा है। लेकिन अब ये दोनों नेता यूपी में अगल बगल की सीट पर चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे। दरअसल, सचिन पायलट का रायबरेली सीट पर राहुल गांधी के लिए चुनाव प्रचार करना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले सचिन पायलट वायनाड की सीट पर भी राहुल के लिए चुनावी जनसभाएं कर चुके हैं। राहुल गांधी ने एक बार फिर से उन्हें रायबरेली का जिम्मा सौंप कर उन पर अपना भरोसा जताया है। इन दोनों नेताओं के अलावा राजस्थान के करीब 2 दर्जन नेता अमेठी और यूपी की अलग अलग सीटों पर चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं। 

दोनों सीटों के परिणाम तय करेंगे भविष्य

इस बार उत्तर प्रदेश में रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से गांधी परिवार की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। यही वजह है इन दोनों सीट पर कांग्रेस ने अपने सबसे अनुभवी नेताओं को चुनावी कमान सौंपी है। गहलोत-पायलट का इन दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार इसी ओर इशारा कर रहा है। ऐसे में कोई दो राय नहीं है कि इन दोनों सीटों के चुनाव परिणाम इन दोनों नेताओं के सियासी भविष्य को जरूर प्रभावित करेंगे।