लू की मार झेल रहे प्रत्याशी और कार्यकर्ता, चुनाव प्रचार से गायब कार्यकर्ता, सियासी दलों ने खोजा नया विकल्प
चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहती है, क्योंकि ग्राउंड पर काम करने के लिए कार्यकर्ता ही होते हैं। अगर कार्यकर्ता ही नहीं आयेंगे, तो चुनाव प्रचार कैसे होगा। सियासी दलों के लिए कार्यकर्ता ही आंख, कान होते हैं। लेकिन भीषण गर्मी की वजह से कार्यकर्ता ही पार्टी कार्यालय में नजर नहीं आ रहे हैं। कार्यकर्ता इस चिलचिलाती गर्मी में घर से निकलने से बच रहे हैं। इससे दलों का जनसंपर्क अभियान ठंडा पड़ गया है।
चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहती है, क्योंकि ग्राउंड पर काम करने के लिए कार्यकर्ता ही होते हैं। अगर कार्यकर्ता ही नहीं आयेंगे, तो चुनाव प्रचार कैसे होगा। सियासी दलों के लिए कार्यकर्ता ही आंख, कान होते हैं। लेकिन भीषण गर्मी की वजह से कार्यकर्ता ही पार्टी कार्यालय में नजर नहीं आ रहे हैं। कार्यकर्ता इस चिलचिलाती गर्मी में घर से निकलने से बच रहे हैं। इससे दलों का जनसंपर्क अभियान ठंडा पड़ गया है।
लू की मार झेल रहे प्रत्याशी और कार्यकर्ता
लोकसभा के चुनाव के दौरान जमकर लू चलेगी और खूब गर्मी होगी। इसकी चेतावनी तो मौसम विभाग ने पहले ही दे दी थी।मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद चुनाव आयोग ने न सिर्फ अलर्ट जारी किया, बल्कि उसने भी गर्मी में बचाव के सभी बंदोबस्त करने के दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं। हालांकि चुनाव आयोग के दिशा निर्देश मतदान स्थल से लेकर मतगणना स्थल तक के लिए विशेष रूप से जारी हुए थे। लेकिन प्रत्याशियों को भी अपने समर्थकों के साथ अलर्ट रहने के लिए कहा गया था। बावजूद इसके दिक्कत अभी भी सबसे ज्यादा उन राज्यों के प्रत्याशियों को हो रही है। जहां पर न सिर्फ तापमान 45 डिग्री से ज्यादा बना हुआ है। बल्कि लू के थपेड़े भी लगातार चल रहे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि गर्मी के मौसम में प्रत्याशी से लेकर कार्यकर्ता और समर्थक भी बेहोश होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
सोशल मीडिया वालंटियर्स की शरण में प्रत्याशी
इस समय उत्तर भारत में बहुत भीषण गर्मी होती है। वही प्रयागराज और अन्य जंगहों में पारा 42 डिग्री से ज्यादा हो रहा है।आम लोग तो आम लोग, आसमान से बरस रही इस आग के चलते चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों को भी चुनावी जनसंपर्क अभियान के लिए कार्यकर्ता तक नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में मजबूर होकर प्रत्याशी सोशल मीडिया वालंटियर्स की शरण में जा रहे हैं, जिनके जरिए अब प्रत्याशी वोटर्स तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
सियासी दलों ने भी बनाई रणनीति
सभी दलों का अधिक से अधिक मतदान पर फोकस है। कांग्रेस बूथ स्तरीय समितियों के जरिए मतदाताओं तक पहुंच रही है।ये समितियां कांग्रेस के न्याय पत्र को मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। उधर, भाजपा भी अधिक से अधिक मतदान पर जोर दे रही है। पार्टी ने बूथ संपर्क अभियान चलाया है। इस बीच पार्टी कार्यकर्ता संकल्प पत्र भी जनता तक पहुंचा रहे हैं।
सियासी दलों ने खोजा नया विकल्प
कार्यकर्ता हों या ना हों, जनता तक तो जाना ही है। ऐसे में मजबूर होकर सियासी दलों ने इसका एक विकल्प खोज लिया है।इलाके में प्रत्याशियों के साथ जनसंपर्क के लिए जाने वाले कर्तकर्ताओं की जगह अब सोशल मीडिया वालंटियर्स ले रहे हैं।लोकसभा सीट के लिए भाजपा ने इसकी शुरुआत की है। इसके लिए बाकायदा सोशल मीडिया वालंटियर्स सम्मेलन तक पार्टी ने आयोजित किया है। जिसमें ऐसे लोगों को ढूंढ़ा जा रहा है, जो पार्टी का प्रचार घर-घर तक कर सकें।
2024 लोकतंत्र के महापर्व पर हर मतदाता की भागेदारी अहम है। गर्मी की वजह से कोई मतदाता मतदान करने से न छूटे इस पर चुनाव आयोग का भी फोकस है। आयोग मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान की खातिर प्रेरित कर रहा है। कई जागरूकता अभियान भी आयोग चला रहा है। बीएलओ घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करने में जुटे हैं।