अब दुश्मन की खैर नहीं...भारत ने क्रिस्टल मेज-2 मिसाइल का किया सफल परीक्षण, 250 KM से अधिक की मारक क्षमता
भारतीय वायु सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में क्रिस्टल मेज-2मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल 250 किमी की रेंज में दुश्मन के ठिकाने को नष्ट कर सकती है।
भारतीय वायु सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में क्रिस्टल मेज-2मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल 250 किमी की रेंज में दुश्मन के ठिकाने को नष्ट कर सकती है।
भारतीय वायु सेना ने अंडमान में हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का नाम क्रिस्टल मेज- 2 है। क्रिस्टल मेज- 2 मिसाइल 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य को मार सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारतीय वायु सेना ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है। उसे हवा से लॉन्च किया जाता है। इसे ROCKS के नाम से भी जाना जाता है। इस मिसाइल का परीक्षण अंडमान के एक परीक्षण रेंज में Su-30 MKI फाइटर जेट के जरिए किया गया था। भारतीय वायु सेना अब मेक इन इंडिया के जरिए बड़ी संख्या में इस इजरायली मिसाइल को हासिल करने की योजना बना रही है।
क्रिस्टल मेज- 2 मिसाइल की ताकत
क्रिस्टल मेज-1 से बिल्कुल अलग है क्रिस्टल मेज- 2, ये मिसाइल हवा से जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। दुश्मनों के एयर डिफेंस को तबाह कर सकती है। इस मिसाइल की खासियत ये भी है कि दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है।
क्रिस्टल मेज- 2 मिसाइल को हवा से जमीन पर मौजूद लक्ष्यों पर दागा जा सकता है। मिसाइल पहले ऊपर की ओर जाती है और फिर तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है। क्रिस्टल मेज- 2 काफी समय पहले इजरायल से भारतीय वायु सेना में शामिल की गई। ये मिसाइल क्रिस्टल मेज-1 से बिल्कुल अलग है। क्रिस्टल मेज- 2 एक एक्सटेंडेड स्टैंड-ऑफ रेंज वाली मिसाइल है। जिसे हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इसे भारतीय वायु सेना द्वारा दुश्मनों के लंबी दूरी के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों जैसे हाई वैल्यू वाले स्थिर और लगातार स्थान बदलने वाले लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उपयोग करने की योजना है।
तो वहीं दूसरी ओर भारत ने फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप सौंपी है।
भारत ने फिलीपींस को सौंपी ब्रह्मोस की पहली खेप
भारत ने चीन के पड़ोसी देश फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप सौंपी। 2022 में दोनों देशों के बीच अहम समझौता हुआ था। फिलीपीन इसे दक्षिणी चीन सागर में तैनात करेगा, जिससे चीन की चिंता बढ़ गई है। दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन का स्पार्कली द्वीप को लेकर विवाद चलता रहता है।चीन आसपास के छोटे द्वीपीय देशों को धमकाता रहता है, क्योंकि यह देश सैन्य रूप से मजबूत नहीं हैं। ऐसे में ब्रह्मोस के मिलने से फिलीपीन की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी, इस बात को लेकर चीन अधिक चिंतित है।
जनवरी 2022 में फिलीपीन ने भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए 2,966 करोड़ रुपये का सौदा किया था। भारत व रूस को छोड़कर ब्रह्मोस मिसाइल पाने वाला फिलीपीन दुनिया का पहला देश है। वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिये ब्रह्मोस की डिलिवरी की गई। वायुसेना का यह विमान शुक्रवार सुबह फिलीपीन की राजधानी मनीला पहुंचा। ब्रह्मोस के तीन सिस्टम सौंपे गए हैं। हर सिस्टम में दो मिसाइल लॉन्चर, एक रडार और एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर होता है।
तो वहीं क्रिस्टल मेज- 2 दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को आसानी से चकमा दे सकती है। यह मिसाइल गैर जीपीएस क्षेत्र में भी अपने लक्ष्य पर सटीकता से हमला कर सकती है। चीन में जीपीएस काम नहीं करता। ऐसे में क्रिस्टल मेज- 2 मिसाइल चीन के खिलाफ प्रभावी हमला कर सकती है। जिससे चीन बौखलाया हुआ नजर आ रहा है।