Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

आरक्षण पर सियासत ! आरक्षण पर किसका पक्ष सही? रिजर्वेशन पर सरकार V/S विपक्ष

लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण का पुराना मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. मंगलसूत्र के बाद अब आरक्षण पर सियासत शुरू हो गई है. राजनीतिक गलियारों में आरक्षण को लेकर वार पलटवार की राजनीति जारी है. इसी बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम का आरक्षण को लेकर एक पुराना बयान वायरल हो रहा है. जिसे लेकर खुद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सफाई भी दी है.

आरक्षण पर सियासत ! आरक्षण पर किसका पक्ष सही? रिजर्वेशन पर सरकार V/S विपक्ष

लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण का पुराना मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. मंगलसूत्र के बाद अब आरक्षण पर सियासत शुरू हो गई है. राजनीतिक गलियारों में आरक्षण को लेकर वार पलटवार की राजनीति जारी है. इसी बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम का आरक्षण को लेकर एक पुराना बयान वायरल हो रहा है. जिसे लेकर खुद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सफाई भी दी है.

आचार्य प्रमोद कृष्णम का वायरल वीडियो

वायरल वीडियो में प्रमोद कृष्णम भारत को जातिगत आरक्षण से मुक्त करने की बात कह रहे हैं. जब लोकसभा चुनाव के बीच ये वीडियो वायरल हुआ है तो बिना देरी किए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस पर सफाई भी देदी.

दरअसल, 2 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बात की थी. उन्होंने अपनी चुनावी रैली में आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. जिसके बाद से ही इस मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कर्नाटक में OBC का आरक्षण खाने का आरोप लगाया था.

मंगलसूत्र वाली राजनीति के बाद आरक्षण का मुद्दा

पीएम मोदी ने मंगलसूत्र वाली राजनीति के बाद ये आरक्षण का मुद्दा उठाया तो विपक्ष भला कैसे पीछे रहता. विपक्ष ने केंद्र सरकार और केंद्र सरकार ने विपक्ष को इस मुद्दे पर खूब घेरा और ये दावा किया कि अगर बीजेपी इस बार आई तो आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर देगी.

आरक्षण पर मोदी की गारंटी

जब विपक्ष ने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरना शुरू किया तो बीजेपी ने विपक्ष को आड़े हाथों ले लिया. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत तक ने आरक्षण के इस सियासी बवाल पर अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि जब तक बीजेपी है SC-ST और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को कुछ नहीं होने देगी, ये मोदी की गारंटी है.

जाहिर है कि जब भी चुनाव आते हैं तो वोट बैंक के लिए जनता के मुद्दे उठाए जाते हैं और वट बटोरने की कोशिश की जाती है. भले ही फिर वो आरक्षण हो, महंगाई हो, बेरोजगारी हो या फिर कोई और मुद्दा हो. चुनावी माहौल में इन मुद्दों पर सियासत होना तो लाजमी है. जहां बीजेपी आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष को अपने निशाने पर लेने से नहीं चूक रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर हो रहा है और दावा कर रहा है कि बीजेपी आई तो आरक्षण खत्म कर देगी.