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Rahul Gandhi Birthday 2024: नेता जिसके नेतृत्व में कांग्रेस ने 10 साल में हारे 90 फीसदी चुनाव, फिर कैसे खुद को बदला

Rahul Gandhi Birthday: कांग्रेस नेता राहुल गांधी 19 जून, 2024 को 54 साल के हो जाएंगे। एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में जन्मे, उनकी प्रारंभिक शिक्षा दून स्कूल में हुई, उसके बाद फ्लोरिडा और कैम्ब्रिज में पढ़ाई हुई। राहुल ने 2004 में अमेठी सीट जीतकर राजनीति में प्रवेश किया।

Rahul Gandhi Birthday 2024:  नेता जिसके नेतृत्व में कांग्रेस ने 10 साल में हारे 90 फीसदी चुनाव, फिर कैसे खुद को बदला

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के प्रमुख नेता राहुल गांधी 19 जून, 2024 को 54 वर्ष के हो जाएंगे, इसलिए हम उनके शुरुआती राजनीतिक सफर पर एक नज़र डालते हैं। भारत के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में जन्मे, उनका रास्ता राजनीति के लिए ही बना था। राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को दिल्ली में राजीव और सोनिया गांधी के घर हुआ था। उनके वंश में उनकी दादी इंदिरा गांधी और परनाना जवाहरलाल नेहरू शामिल हैं, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद फ्लोरिडा, यूएसए के रोलिंस कॉलेज से और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से डेवलपमेंट स्टडीज में एम.फिल. किया।

राजनीतिक प्रवेश

राहुल का औपचारिक राजनीतिक जीवन 2004 में शुरू हुआ जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से संसदीय सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, यह निर्वाचन क्षेत्र पहले उनके पिता और चाचा का था। इस जीत ने भारतीय राजनीति में उनके सक्रिय प्रवेश को चिह्नित किया।

चुनौतियाँ और आलोचनाएँ

अपनी प्रतिष्ठित पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद, राहुल को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आलोचकों ने अक्सर उन्हें अनुभवहीन और जमीनी हकीकत से दूर करार दिया। युवाओं और ग्रामीण आबादी से जुड़ने के उनके शुरुआती प्रयासों को मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं।

कांग्रेस पार्टी में उत्थान

2007 में राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने, जो उनके बढ़ते प्रभाव का संकेत है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और युवा कांग्रेस को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें जमीनी स्तर पर सक्रियता और पुनर्गठन पर जोर दिया गया।

2009 के आम चुनावों पर प्रभाव

2009 के भारतीय आम चुनाव राहुल गांधी के लिए महत्वपूर्ण थे। कांग्रेस के अभियान में उनके प्रयासों ने एक महत्वपूर्ण जीत में योगदान दिया, जिससे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को दूसरा कार्यकाल मिला। विभिन्न सामाजिक समूहों के साथ उनके जुड़ाव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नेतृत्व चुनौतियां

इसके बाद के वर्षों में राहुल के नेतृत्व की जांच में तेज़ी देखी गई, ख़ास तौर पर 2014 और 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद। आलोचकों ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की बढ़ती लोकप्रियता का प्रभावी ढंग से मुक़ाबला करने में उनकी अक्षमता की ओर इशारा किया।

2024 में दिखा राहुल में बगदलाव

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिला। उनकी भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की पहल युवाओं, वंचितों और किसानों के बीच सकारात्मक रूप से गूंज उठी। यह जुड़ाव 2024 के आम चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश के रायबरेली और केरल के वायनाड में उनकी जीत में परिलक्षित हुआ।

राहुल गांधी का प्रारंभिक राजनीतिक जीवन चुनौतियों और लचीलेपन से भरा रहा है, जिसने भारतीय राजनीति में उनकी वर्तमान स्थिति को आकार दिया है। आज जब वे अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो उनकी यात्रा निरंतर विकसित हो रही है, जो सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।