Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

One Nation-One Election पर इंदिरा गांधी के समय कैसे लगा था ब्रेक, एक क्लिक में जानें सबकुछ

One Nation-One Election: साल 1947 में मिली आजादी के बाद भारत में 1951 से 1967 तक देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ ही हुए थे। हम जानते हैं कि देश में पहला चुनाव 1951-52 में ही हुआ था। इस दौरान भी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ ही कराए गए थे। साल 1957, 1962 और 1967 में भी लगातार चार बार देश में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा के चुनाव साथ हुए थे। 

One Nation-One Election पर इंदिरा गांधी के समय कैसे लगा था ब्रेक, एक क्लिक में जानें सबकुछ
One Nation-One Election

One Nation-One Election: इस समय बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पर मोदी सरकार ने विधानसभा चुनावों के बीच एक बड़ा फैसला लेते हुए मास्टर स्ट्रोक चला है। जिसने विपक्ष को पूरी तरह से हैरत में डाल दिया है। मोदी कैबिनेट ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर आई रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है इस बार न सही लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव 2029 में वन नेशन-वन इलेक्शन के तहत हो सकते है। ऐसा नहीं कि पहली बार देश में वन नेशन-वन इलेक्शन होगा। इससे पहले भी भारत देश में वन नेशन-वन इलेक्शन हो चुका है। लेकिन इस पर ब्रेक क्यों लगा वो इस रिपोर्ट में जानते हैं....

आजादी के बाद लगातार 4 बार हुए थे एक साथ चुनाव

साल 1947 में मिली आजादी के बाद भारत में 1951 से 1967 तक देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ ही हुए थे। हम जानते हैं कि देश में पहला चुनाव 1951-52 में ही हुआ था। इस दौरान भी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ ही कराए गए थे। साल 1957, 1962 और 1967 में भी लगातार चार बार देश में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा के चुनाव साथ हुए थे। देश में लगातार चार बार एक साथ चुनाव होने के बाद 1967 से इसका पैटर्न बदलने लगा।

ये भी पढ़ें कौन जीतेगा 'घाटी' का महारण,पहले चरण में दांव पर इन दिग्गजों की किस्मत, पढ़ें एक क्लिक में

क्यों बदला था एक साथ चुनाव का नियम?

दरअसल, 1967 में UP में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था। तब राज्य में 423 सीटें थी और कांग्रेस के खाते में 198 सीटें आईं थी, जबकि सरकार बनाने के लिए 212 सीटों की जरुरत थी। दूसरे नंबर पर जनसंघ पार्टी थी जिसे 97 सीटें मिली थीं। लेकिन कांग्रेस ने 37 निर्दलीय सदस्यों और कुछ छोटी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना ली और सीपी गुप्ता मुख्यमंत्री बने थे।

जब इंदिरा गांधी के समय लगा था एक देश एक चुनाव पर ब्रेक

चौधरी चरण सिंह की बगावत के चलते एक ही महीने में गुप्ता की सरकार गिर गई। इसके बाद चौधरी चरण सिंह ने भारतीय जनसंघ और संयुक्त समाजवादी के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन एक ही साल बाद गठबंधन में अनबन होने की वजह से इन्होंने भी इस्तीफा दे दिया और विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर दी। धीरे-धीरे यही सिलसिला कई और राज्यों में शुरू हो गया। देश में 1967 में एक साथ चुनाव हुए थे ऐसे में 1972 में आम चुनाव होना था, लेकिन इंदिरा गांधी ने समय से पहले 1971 में ही आम चुनाव कराने का फैसला किया। इस तरह से एक देश एक चुनाव की जो व्यवस्था चली आ रही थी उस पर ब्रेक लग गया।

रिपोर्ट-ऋषभ कांत छाबड़ा