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'छोटी काशी' में कंगना करेगी कमाल या कांग्रेस के विक्रमादित्य बनेंगे मंडी के 'सिंघम' ?

अक्सर चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की मंडी की राजनीति में एंट्री के साथ ही सियासी तपिश बढ़ती चली गई. बीजेपी की ओर से उम्मीदवारी की घोषणा होते ही कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की अशोभनीय टिप्पणी से माहौल ऐसा गरमाया कि सीट चर्चा का विषय बन गई.

'छोटी काशी' में कंगना करेगी कमाल या कांग्रेस के विक्रमादित्य बनेंगे मंडी के 'सिंघम' ?

अक्सर चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की मंडी की राजनीति में एंट्री के साथ ही सियासी तपिश बढ़ती चली गई. बीजेपी की ओर से उम्मीदवारी की घोषणा होते ही कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की अशोभनीय टिप्पणी से माहौल ऐसा गरमाया कि सीट चर्चा का विषय बन गई. कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा. यहां कंगना का मुकाबला हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री और कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से है. दोनों के बीच तीखे जुबानी हमले हुए, विक्रमादित्य ने कंगना को मौसमी राजनेता बताकर बीफ खाने का आरोप लगाया, तो कंगना ने उन्हें छोटा पप्पू तक कह दिया. देखना दिलचस्प होगा कि जुबानी टक्कर जितनी कड़ी हो रही है, वोटों के मामले में भी ऐसी ही टक्कर होगी या नहीं.

क्या राजा पर भारी पड़ेगी रानी ?
हिमाचल का सर्वाधिक चर्चित राजनीतिक केंद्र मंडी, कभी मांडव नगर था. तिब्बती भाषा में इसे जहोर कहते थे. मंडी शब्द संस्कृत के मंडोइका से बना है, जिसका अर्थ होता है खुला क्षेत्र. चारों तरफ चट्टानों का घेरा और उनके बीच से होकर गुजरती ब्यास नद, कभी रियासत की राजधानी रही मंडी को यहां के लोग वाराणसी ऑफ हिल्स, हिमाचल की काशी या छोटी काशी भी कहते हैं.

मंडी लोकसभा का मुकाबला
कंगना रनौत                        विक्रमादित्य सिंह 
प्रत्याशी, बीजेपी       VS         प्रत्याशी, कांग्रेस

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. कंगना पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. मंडी लोकसभा सीट पर कंगना का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह से है. हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीट के लिए अंतिम चरण में एक जून को मतदान होगा.

मंडी लोकसभा सीट
मंडी में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
शुरुआती चुनावों में राज परिवारों का दबदबा था.
इस लोकसभा सीट पर 17 बार लोकसभा के चुनाव हुए.
13 बार राज परिवार से जुड़े नेताओं की जीत.
11 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी का कब्जा.
1 बार भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी.

ऐतिहासिक रूप से मंडी निर्वाचन क्षेत्र ने 1952 के बाद से दो उपचुनावों सहित 19 में से 13 चुनावों में पूर्व रियासतों के वंशजों को चुना है. शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए नए नहीं हैं, क्योंकि उनके पिता और मां दोनों ने तीन-तीन बार यह सीट जीती है. मंडी लोकसभा सीट पर 2021 के उपचुनाव में सिंह ने अपनी मां के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था.

अपनी उम्मीदवारी की घोषणा होने से पहले ही, विक्रमादित्य सिंह और बॉलीवुड फिल्म 'क्वीन' की अभिनेत्री कंगना के बीच तीखी बहस छिड़ चुकी थी. जहां एक ओर विक्रमादित्य सिंह ने रनौत को विवादों की ‘रानी' कहा था, वहीं भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार ने परोक्ष रूप से उन्हें ‘छोटा पप्पू' कहा था.

हाल ही में कंगना रनौत पर हमला करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि अभिनेत्री खुद के बारे में इतना बोलती हैं कि कुछ भी कहने के लिए बचा ही नहीं है. लाहौल एवं स्पीति के काजा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि रनौत को लोगों को यह बताना चाहिए कि क्यों वह स्पीति नहीं आयीं और रिकोंग पिओ से लौट गयीं. उन्होंने दावा किया कि रनौत स्पीति नहीं आयीं क्योंकि उन्हें डर था कि दलाई लामा के खिलाफ अपने बयान के कारण उनका स्वागत काले झंडों से किया जाएगा.

कंगना पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. मंडी लोकसभा सीट पर कंगना का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह से है. हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीट के लिए अंतिम चरण में एक जून को मतदान होगा. यहां की लड़ाई काफी दिलचस्फ होगी. अब देखना होगा क्या राजा पर रानी भारी पड़ेगी.